कानपुर IIT के पीएचडी छात्र की ब्लैक फंगस से मौत, पीजीआई में चल रहा था इलाज, निकाल दी गई थी एक आंख

कानपुर IIT के पीएचडी के छात्र कवींद्र कुमार चतुर्वेदी का ब्लैक फंगस से निधन हो गया। कोरोना से ठीक होने के बाद उनको ब्लैक फंगस ने जकड़ लिया था। उनका इलाज पीजीआई लखनऊ में चल रहा था। मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। आईआईटी निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

अयोध्या जिले के रहने वाले थे कवींद्र

कवींद्र मूल रूप से टिकरी, बेदापुर अयोध्या जिले के रहने वाले थे। उन्होने एमएनआईटी इलाहाबाद से अपना मास्टर किया था। आईआईटी में 2019 में उन्होंने पीएचडी में एडमिशन लिया था। वह एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे थे। कुछ समय पहले वह कोरोना की चपेट में आए थे, जिसके बाद उनको स्टेरॉयड दिए गए थे। उनका लखनऊ स्थित पीजीआई में इलाज चल रहा था। प्रोफेसर अभय करंदीकर में अपने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट से उनके निधन की सूचना दी है।

प्रोफेसर करंदीकर ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि कैसे इलाज की हर संभव कोशिश की गई थी, आईआईटी के एक पूर्व छात्र जो एक फार्म कंपनी में काम करते है उन्होंने यह दवाइयां उनको दिलाई थी। इतनी मेहनत भी उनको बचा नहीं पाई।

पिछले साल हुई थी शादी

ब्लैक फंगस के इलाज के दौरान कवींद्र की हालत काफी खराब हो गयी थी। उनका संक्रमण बढ़ने की वजह से उनकी एक आंख भी निकाल दी गई थी। आईआईटी निदेशक से लेकर कॉलेज के पूर्व छात्र भी उनके इलाज के दौरान सहयोग करते रहे, लेकिन कवींद्र का इन्फेक्शन उनके ब्रेन पर असर करने लगा था। कवींद्र की शादी पिछले साल लॉकडाउन के समय में हुई थी। उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं।