कानपुर : मेगा कैंप में 1400 का लक्ष्य, 10 हजार से ज्यादा की पहुंची भीड़, जमकर हुई धक्का-मुक्की

उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैंरतअंगेज मामला सामने आ रहा है। यहां बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीन लगने की जानकारी मिलते ही पहले दिन बुधवार को ग्रीन पार्क के मेगा कैंप में हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। इतनी भीड़ हो गई कि कई थानों की फोर्स लगाकर भीड़ को नियंत्रित किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। सीएमओ ने खुद कैंप में आकर भीड़ को नियंत्रित कराया। इसके साथ ही गेट से सिर्फ रजिस्ट्रेशन वालों को इंट्री दी गई। तब जाकर वैक्सीनेशन शुरू हो सका। दोपहर तक कैंप में अफरा-तफरी के हालात बने रहे।

मेगा कैंप में 1400 का लक्ष्य, 10 हजार से ज्यादा की पहुंची भीड़
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से बुधवार को ग्रीनपार्क में वैक्सीन के मेगा कैंप का आयोजन किया गया। पब्लिक में गलत सूचना फैल गई कि मेगा कैंप में बिना रजिस्ट्रेशन के वैक्सीनेशन होगा। यह बात वायरल होते ही ग्रीनपार्क में सुबह 10 से 12 के बीच दस हजार से भी ज्यादा की भीड़ पहुंच गई। जबकि सिर्फ 1400 लोगों का वैक्सीनेशन होना था। इतनी भीड़ ने कैंप में मौजूद डॉक्टर और प्रभारी के हाथ-पांव फूल गए। हंगामा और अफरा-तफरी देख पुलिस को सूचना देनी पड़ी। कोतवाली थाना, मूलगंज थाना समेत कई थानों की फोर्स बुलानी पड़ी। तब जाकर पुलिस ने कड़ी मशक्कत से भीड़ पर काबू किया। इसके बाद वैक्सीनेशन शुरू हो सका। सीएमओ नेपाल सिंह ने बताया कि गलत सूचना पर मेगा कैंप में भारी भीड़ पहुंच गई। इसके चलते अफरा-तफरी मच गई। पहला दिन था इसकी वजह से परेशानी हुई। जिन लोगों के पहले दिन यानी बुधवार को स्लॉट बुक हैं, सभी के वैक्सीन लगाई जाएगी। भले ही सुबह से शाम क्यों न हो जाए।

सर्वर ठप होने पर बढ़ी मुसीबत
सीएमओ नेपाल सिंह ने बताया कि ऑनलाइन वेरीफिकेशन के बाद ही वैक्सीन के लिए कैंडीडेट को बूथ पर भेजा जाता है। सर्वर ध्वस्त होने की वजह से वेरीफिकेशन में समय लग रहा है। इसकी वजह से भी मुसीबत बढ़ी है। दो जगह टीम लगाकर वेरीफिकेशन कराया जा रहा है। इसके साथ ही प्रत्येक बूथ पर तीन की जगह एएनएम समेत पांच कर्मचारियों का स्टाफ लगा दिया गया है।

सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी, जमकर हुई धक्का-मुक्की
ग्रीन पार्क में भारी भीड़ पहुंचने के चलते इंट्री गेट से लेकर वेरीफिकेशन कराते तक सैकड़ों लोगों की कतार लगी रही। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार हो गई। अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया तो वैक्सीनेशन सेंटर पर ही संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन लगवाने से भले ही लोग बच रहे हैं, लेकिन शहर में मारामारी मची हुई है।