अस्पताल से बाइक से शव को ले जाने के मामले में डीएम-एसपी ने तीन कर्मचारियों पर की कार्रवाई

सीतापुर। अस्पताल से बाइक द्वारा शव को ले जाने के मामले में डीएम तथा एसपी की कार्यवाही का चाबुक आखिरकार सिस्टम पर चल ही गया। जिला अस्पताल के चैकी इंचार्ज को जहां लाइन हाजिर कर दिया गया है वहीं कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। साथ ही एंबुलेंस चालक को उसके पद से हटाते हुए सेवा मुक्त कर दिया गया।

 
बताते चलें कि तालगांव के देवरिया निवासी छविनग के बेटे अंकुर की मंगलवार शाम जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि सड़क हादसे में घायल होने के बाद उसे सीतापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंकुर की मौत के बाद शव को जिला अस्पताल की मर्चरी में रखवा दिया गया। इसके बाद बुधवार को जिला अस्पताल में पंचायत नामा हुआ। इसके बाद परिवारजन शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने का इंतजाम करने लगे। जिला अस्पताल के वाहन से शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजने की बात बताई गई। इस पर परिवारजन ने इमरजेंसी में संपर्क साधा। 

पिता छविनग के मुताबिक इमरजेंसी में कर्मियों ने वाहन चालक से बात की। उसने 10 मिनट में आने की बात बताई। एक घंटे बाद भी चालक नहीं आया तो परिवारजन दोबारा गए। छविनग की मानें तो चालक नशे में धुत था। समय गुजर रहा था। करीब डेढ़ घंटा इंतजार करते हो चुका था। ऐसे में परिवारजन बाइक पर ही शव लेकर पोस्टमार्टम हाउस चले गए।


इस मामले को वीडियो जब वायरल हुआ तो प्रशासन के होश उड़ गए। छानबीन की गई तो सुबकुछ सामने आ गया। पता चला कि चालक जहां नशे में धुत था वहीं चैकी प्रभारी व कांस्टेबल ने भी मामले की सुध नहीं ली। इस पर डीएम विशाल भरद्याज तथा एसपी आरपी सिंह ने कार्रवाई की है। जिसके तहत चैकी इंचार्ज शशांक पांडे को लाइन हाजिर कर दिया गया है। कांस्टेबल शशिधर मिश्र को निलंबित कर दिया गया है तथा एंबुलेंस चालक नीलेश को भी सेवा मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा डीएम ने मामले की जांच को लेकर कमेटी गठित कर दी है।