
गोरखपुर।इन दिनों महिलाएं और लड़कियां भी साइबर अपराध में धड़ल्ले से घुस गई हैं। सोशल मीडिया पर पुरुषों से दोस्ती कर ये स्पैमर हसीनाये उनके बैंक अकाउंट से आसानी से पैसे उड़ा रही हैं। अगर आप के भी फेसबुक अकाउंट पर किसी महिला या लड़की की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते ही वह आपसे चैटिंग करने लगती है और खुद को विदेशी नागरिक बताते हुए आपसे दोस्ती करने की बात कहती है तो सवाधान हो जाएं।क्योंकि इन दिनों साइबर क्राइम में महिलाएं व लड़कियां भी शामिल हो गई हैं। फेसबुक व अन्य सोशल साइट्स पर ट्रेंड कर स्पैमर हसीनाएं इन दिनों लोगों को जमकर चुना लगा रही हैं।हैरानी वाली बात तो यह है कि इन स्पैमर हसीनाओं की जाल में फंसकर लोग लुट भी जा रहे हैं और समाज में अपनी मान प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए इसकी कंप्लेन भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इसका फायदा उठाकर यह महिला साइबर क्रिमिनल्स इन दिनों फेसबुक के जरिए लोगों को रोजाना ठग रही हैं। इन दिनों साइबर क्रिमिनल्स ने फ्राड का ट्रेंड काफी बदल दिया है।
ये स्पैमर हसीनाये खुद ही फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती हैं। जब आप उनकी प्रोफाइल चेक करेंगे तो पता चलेगा कि वे विदेश में रहती हैं। विदेशी दोस्त बनाने की होड़ में लोग आसानी से इनका फ्रेंड रिक्वेस्ट भी एकसेप्ट कर ले रहे हैं। इसके तुरंत बाद यह हसीनाएं आपसे दोस्ती करने के लिए आपके इन बाक्स में मैसेज करना शुरू कर देती हैं। जब घनिष्ठता बढ़ जाती तो ये कुछ दिनों में अपना व्हाट्सएप्प नंबर भी दे देती और वीडियो कॉल भी करने लगती। कुछ दिनों में न्यूड चैटिंग भी शुरू हो जाती है।
इनके जाल में लोग इस तरह फंस जाते की ये पुरुषों से जरूरत का हवाला देकर पैसे से मदद करने को बोलती हैं। धीरे धीरे बैंक अकाउंट की डिटेल भी जान लेती हैं। पृरुष भी आसानी से इन्हें सारी जानकारी दे देते हैं। बाद में जब अकाउंट ट्रांसेक्शन की जानकारी होती तो लोग अपना माथा पकड़ ले रहे और पुलिस के पास जा रहे हैं, कुछ तो प्रतिष्ठा खोने के डर से इस मामले में कोई कारवाई भी नही चाहते।
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि इन दिनों पुलिस के पास साइबर फ्राड से संबंधित रोजाना 4 से 5 मामले सामने आ रहे हैं।हालांकि साइबर सेल के जरिए पुलिस तमाम मामलों का खुलासा भी कर रही है, लेकिन कई मामले अनसुलझे भी होते हैं। इसके लिए साइबर सेल टीम को लगातार अपडेट और ट्रेंड किया जा रहा है। लेकिन इससे ज्यादा ऐसे मामलों में लोगों की जागरूकता जरूरी है। क्योंकि अन्य शहरों या विदेशी नेटवर्क इस्तेमाल करने वाले जालसाजों को ट्रेस करना मुश्किल होता है।