नई दिल्ली: बीते कुछ महीनों में रेलवे को एयरलाइंस से कड़ी टक्कर मिल रही है। हवाई यात्रा के सस्ती होने से रेलवे को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एयरलाइनों से मुकाबला करने के मकसद से भारतीय रेलवे ने कुछ ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर योजनाओं को हटाने और अन्य में छूट पेश कर यात्रियों को लुभाने की योजना बनाई है। यह कदम त्योहारी सीजन की शुरुआत से ठीक पहले उठाया गया है, जब एयरालाइनें छूट की योजनाओं से भरी पड़ी हैं।
रेलवे ने वर्तमान फ्लेक्सी-फेयर ट्रेनों की सभी श्रेणियों के किराए में छूट का ऐलान किया है। आपको बता दें कि सीटों की संख्या बढ़ने पर फ्लेक्सी फेयर में टिकटों के दाम बढ़ जाते हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर ट्विट कर बताया कि इस त्योहारी सीजन में यात्रियों को उपहार के तौर पर रेलवे ने बेस टिकट किराए पर फ्लेक्सी फेयर को 1.5 गुना से घटाकर 1.4 गुना करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 50 प्रतिशत से कम ऑक्यूपेंसी वाली ट्रेनों से फ्लेक्सी फेयर को पूरी तरह से खत्म करने का भी निर्णय लिया गया है।
Win-Win Situation: The reduction of Flexi Fares is going to benefit both the passengers that can now avail tickets at cheaper rates, as well the Railways that will see a surge in demand and occupancy. pic.twitter.com/1T2WhpYxcZ
— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) October 31, 2018
पीयूष गोयल ने आगे बताया कि निम्नतम बुकिंग वाली 15 ट्रेनों पर से फ्लेक्सी फेयर को समाप्त कर दिया गया है। कम व्यस्त सीजन के दौरान 32 अन्य ट्रेनों पर फ्लेक्सी फेयर नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 101 ट्रेनों के लिए फ्लेक्सी फेयर सिस्टम जारी रहेगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि यह रेलवे और यात्री दोनों के लिए फायदे का सौदा है। इससे यात्रियों को किफायती दाम पर रेल टिकट मिलेगा और मांग बढ़ने पर रेलवे की आय भी बढ़ेगी।
यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रेलवे को अधिक यात्रियों को लुभाने में मदद करेगा, जो अन्य परिवहन साधनों की ओर रुख कर चुके हैं विशेषकर विमानन क्षेत्र की ओर। आपको बता दें कि रेलवे ने 9 सितंबर 2016 को राजधानी की 44, दुरंतो की 52 और शताब्दी एक्सप्रेस की 46 प्रीमियम ट्रेनों के लिए फ्लेक्सी फेयर योजना पेश की थी।