
उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस चालकों ने चक्का जाम कर रखा है। एंबुलेंस चालक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर अड़े हुए हैं लेकिन ऐसा लग रहा है कि सरकार उनकी मांगों पर तवज्जो नहीं दे रही। इस बीच मरीजों का बुरा हाल है कानपुर शहर में 102 और 108 एंबुलेंस को कॉल करने वाले मरीज जैसे तैसे अस्पताल तो पहुंच रहे हैं लेकिन एंबुलेंस चालक और उसमें मौजूद रहने वाले टेक्नीशियन की कमी के चलते उन्हें इलाज मिलना दूभर नजर आ रहा है।
अच्छे ड्राइवर और टेक्नीशियन न होने के कारण हो रही है मरीजों को दिक्कत…
कानपुर नगर के कांशीराम ट्रामा सेंटर में यशोदा नगर, गोपाल नगर के रहने वाले विनोद निषाद ने 108 नंबर पर कॉल किया और बताया कि उन्हें काफी तेज बुखार हो गया है हड़ताल के बावजूद विनोद के घर तक 108 एंबुलेंस पहुंच गई। एंबुलेंस चालक विनोद को लेकर काशीराम अस्पताल भी पहुंच गया लेकिन गेट पर छोड़कर भाग खड़ा हुआ। विनोद निषाद की माने तो उन्हें अस्पताल में किसी ने भर्ती नहीं कराया जबकि वह अपने साथ आधार कार्ड और अन्य डॉक्यूमेंट लेकर आए थे। दरअसल एंबुलेंस को कॉल करने पर एंबुलेंस के अंदर एक टेक्नीशियन भी मौजूद रहता है जो मरीज से कागजात लेकर मरीज का अस्पताल में दाखिला करवाता है। इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन का काम सीरियस मरीज ऑक्सीजन लगाने से लेकर अस्पताल में भर्ती करवाने और फर्स्ट ऐड देना का होता है, साथ ही मरीज का पूरा डाटा इमरजेंसी काउंटर पर बताना होता है। यदि मरीज अत्यधिक गंभीर होता है तो उसे दूसरे दूसरे अस्पताल में रेफर करा कर ही ड्राइवर और टेक्निशन का काम पूरा होता है। लेकिन हड़ताल होने के चलते एंबुलेंस से मरीजों को लाया तो जरूर जा रहा है लेकिन उनका इलाज भगवान भरोसे ही किया जा रहा हैं।
सब शासन और प्रशासन की देन है…
जिला अध्यक्ष कानपुर नगर अजय सिंह ने बताया, हमारी किसी भी बात की सुनवाई शासन या प्रशासन नहीं कर रहा है। साथ ही अलग से हम लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की धमकी दी जा रही है। जब हमसे गाड़ियों की चाभी ली जा चुकी है तो मरीजों की जिम्मेदारी प्रशासन की बनती है, लेकिन इसके बावजूद सीएमओ साहब हम लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दे रहे है।