दैनिक बोल-चाल एवं कार्य व्यवहार में हिन्दी का अधिक से अधिक हो प्रयोग

रुड़की। आनन्द स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर में हिंदी दिवस पर दैनिक बोल-चाल एवं कार्य व्यवहार में हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर जोर दिया गया। दस दौरान वेबीनार का आयोजित किय गया। प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह, उप प्रधानाचार्य मोहन सिंह मटियानी, उप प्रधानाचार्य प्रशासन कली राम भट्ट, आशुतोश शर्मा ने मां सरस्वती के चित्र के सामने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वेबिनार में प्रबन्ध समिति, नगर के बुद्धिजीवियों, शिक्षकों और पूर्व छात्र-छात्राओं ने सहभाग किया। मुख्य वक्ता डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा अरुण ने आनलाइन प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को हिन्दी दिवस की शुभकामना दी। कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है। इसका सम्मान बनाए रखना हम सब भारतवासियों का कर्तव्य है। हमें अपने दैनिक बोल-चाल और कार्य व्यवहार में हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। कार्यक्रम के अध्यक्ष एनआईएच के पूर्व निदेशक डॉ. भीष्म कुमार ने कहा कि हिन्दी हमारे विचारों, व्यवहारों को व्यक्त करने के लिए एक बड़ा शब्दकोष रखती है। हिन्दी विश्व की एकमात्र ऐसी भाषा है जिसमें मानव व्यवहार और भाव के लिए पर्याप्त शब्द हैं। जो हिन्दी को प्रिय, मधुर और सरल बनाते है। कार्यक्रम का संचालन विवेक कुमार पांडेय किया। प्रस्तावना नीना अग्रवाल ने पेश की। इस दौरान पार्थ, आर्यन, आदित्य, दक्ष, लक्ष्य, अंश, साम्भवी, सानवी, ख्वाहिश, आराधना, सृष्टि, अविका, कनक आदि मौजूद रहे।

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