मोबाइल टावर से ही नहीं है रेडिएशन का कोई खतरा

मोबाइल रेडिएशन कार्यशाला में विचार रखते विशेषज्ञ।

मोबाइल टावर से ही नहीं है रेडिएशन का कोई खतरा: संजीव

कार्यशाला में विशेषज्ञों ने रेडिएशन की बातों को भ्रांति करार दिया

नैनीताल। विशेषज्ञों ने संचार क्रांति के दौर में मोबाइल टावरों के स्थापित किए जाने से फैल रहे रेडिएशन की बातों को भ्रांति करार दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल टावर से रेडिएशन फैलने का कोई खतरा नहीं है। मोबाइल टावर से जो विकिरण उत्सर्जित होता है उससे किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है। संचार व्यवस्था को सुदृढ़ और मजबूत बनाने के लिए अभी भारी संख्या में मोबाइल टावर लगाने की जरूरत है। जिसके लिए नागरिकों को सहयोग करना चाहिए। इस दौरान उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किए गए पीएम वाणी योजना और साइबर अपराधों पर रोकथाम लगाने की जानकारी भी प्रतिभागियों को दी। गुरुवार को दूरसंचार विभाग की ओर से मल्लीताल स्थित एक होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। पीएम वाणी ईएमएफ  एमिसिएन्स एंड टावर रेडिएशन एंड साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड एंड रेमेडीज विषय पर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इस दौरान विभाग के यूपी वेस्ट डिप्टी डायरेक्टर जनरल संजीव अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान दौर दूरसंचार क्रांति का है। आज दूरसंचार सेवाएं अर्थव्यवस्था में अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होने कार्यशाला में पहुंचे प्रतिभागियों को पीएम वाणी के विस्तार के लिए दूरसंचार के बुनियादी ढांचे में विस्तार करने और क्षेत्र को फाइबर केबल और वाईफाई के माध्यम से जोड़ने का आह्वान किया। विशेषज्ञों ने कहा कि संचार सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए अधिक से अधिक मोबाइल टावर लगाने की आवश्यकता है। देश में स्थापित किए जा रहे टावरों के लिए आईसीएनआईआरपी की और से सर्वे किया जाता है जिसमें डब्ल्यूएचओ की ओर से भी यह प्रमाणित किया गया है कि मोबाइल टावरों से निकलने वाला रेडिएशन किसी भी प्रकार से जीवो के लिए हानिकारक नहीं है। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साइबर अपराधों से बचाव के साथ ही लगाम लगाने को लेकर प्रतिभागियों को टिप्स दिए। कार्यशाला में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर, कस्टमर सर्विस सेंटर और दूरसंचार सेवाओं से संबंधित  संस्थाओं के प्रतिभागियों समेत डीडीजी अरुण कुमार वर्मा,  डीडीजी तकनीकी अनुपम कुमार वाष्णेय, डीडीजी अविनाश कुमार श्रीवास्तव, डीपीजी ग्रामीण दीपक कुमार, आकाश दुबे, मनीष भारद्वाज, घनानंद आदि मौजूद रहे।

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