IIMC के रिटायर्ड प्रोफेसर से हुई 86 लाख की ठगी, इस तरह दिया झांसा, रहे सावधान

Ghaziabad News  आए दिन मीडिया में ठगी का मामले सामने आता रहते हैं, ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आया है। जहां बीमा पॉलिसी (Insurance Policy) की मैच्योरिटी के नाम पर एक नामी इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) के रिटायर्ड प्रोफेसर से 86.90 लाख रुपए ठगे गए। ठगों ने खुद को जीबीआईसी का कर्मचारी और अधिकारी बताकर इस ठगी को अंजाम दिया।

रिटायर्ड प्रोफेसर से लूटे 86.90 लाख रुपए

गाजियाबाद में कुछ ठगों के गिरोह ने एक रिटायर्ड प्रोफेसर (Retired Professor) को अपनी ठगी का शिकार बनाया है। प्रोफेसर इंदिरापुरम (Indirapuram) थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी का रहने वाला निवासी हैं। जो इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC) से रिटायर्ड हैं। प्रोफेसर से उनकी बीमा पॉलिसी के मैच्योरिटी के नाम पर ठगी की गई। ठगों ने अपने आपको जीबीआईसी ( Governing Body Of Insurance Council ) का कर्मचारी और अधिकारी बताकर प्रोफेसर को ठग लिया।

आरोपियों ने बकायदा पीड़ित को आरबीआई (RBI) की मोहर लगा हुआ वित्त मंत्रालय का पत्र दिखाकर पॉलिसी मेच्योरिटी वैल्यू खाते में ट्रांसफर कराने की बात कही थी। जिसके बाद पॉलिसी के मैच्योरिटी होने की बात बताकर, अलग-अलग प्रक्रिया में आने वाला खर्च के बारे में बता कर पीड़ित से अपने खातों में रकम ट्रांसफर करवाई।

2016 में बेटे के नाम पर ली थी पॉलिसी

रिटायर्ड प्रोफेसर ने वर्ष 2016 में अपने बेटे के नाम पर एक निजी कंपनी से बीमा पॉलिसी ली थी। उन्होंने बताया कि किसी कारवश 2019 में पॉलिसी की किस्त देना बंद कर दिया और इसके बारे में संबंधित कंपनी को सूचना दी। जिसके बाद 2020 में उनके पास सुशांत सैनी नाम के एक व्यक्ति का फोन आया। उसने खुद को जीबीआई का कर्मचारी बताते हुए, उनसे बंद पड़ी हुई पॉलिसी के बारे में बात की और उसको दोबारा शुरू कराने के अलग-अलग फायदे बताएं। लेकिन उस समय प्रोफेसर ने इसके लिए मना कर दिया। मना करने के बाद भी सुशांत सैनी प्रोफेसर से लगातार संपर्क करता रहा।

जुलाई 2021 में सुशांत ने उन्हें फिर से कॉल करके पॉलिसी जल्द मैच्योर होने की बात बताई। बाद में कहा कि उन्हें कुछ पैसे देने होंगे, जिसके बाद उन्हें पॉलिसी की मैच्योरिटी वैल्यू 57 लाख रुपए मिल जाएंगे। ठग ने हरिकिशन श्रीवास्तव (Harikishan Shrivastava) नाम के एक व्यक्ति को अपना सीनियर बताते हुए उन से मिलवाया।

इस दौरान आरोपियों ने आरबीआई (RBI) की मुहर लगा हुआ वित्त मंत्रालय का एक पत्र दिखाकर कुछ हफ्तों में 57 लाख रुपए खाते में आने की बात कही। जिसके लिए बताया गया कि कुछ खर्चे होंगे। जिसके बाद आरोपियों द्वारा बताए गए काफी रकम प्रोफेसर ने उनके खातों में ट्रांसफर कर दी। आरोपितों के साथी आरके त्रिपाठी ने 26 जुलाई को उन्हें कॉल करके मैच्योरिटी की रकम लेने के लिए 50000 रुपए जमा कराने के लिए खाते में कहा। खाते में रकम जमा कराने के बाद भी जब पीड़ित के खाते में पॉलिसी की रकम ट्रांसफर नहीं हुई, तो प्रोफेसर ने आरोपियों से बात की। 

जान से मारने की मिली धमकी

आरोपियों द्वारा बताए अनुसार प्रोफेसर (Professor ) ने उनके खातों में रकम जमा करा दिए। लेकिन जब पॉलिसी की रकम प्रोफेसर के खाते में नहीं आई तो उन्होंने आरोपियों से इस बारे में पूछताछ की। जिसके बाद विक्रम बत्रा, तेज प्रताप सिंह, रिया शर्मा और आरके त्रिपाठी ने कॉल करके प्रोफेसर को परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद प्रकाश कौशिक नाम के एक व्यक्ति ने प्रोफेसर को कॉल किया और उन्हें नई पॉलिसी और ज्यादा व्यास की पॉलिसी का प्रस्ताव देने लगा। प्रकाश ने भी उनसे 5 लाख रुपए ठग लिए। आरोपितों ने अलग-अलग बहानों व निवेश के नाम पर कई किस्तों में लाखों रुपए ठग लिए। इसी तरह प्रोफेसर से कुल 86.90 लाख रुपए की ठगी की गई। 

पुलिस का कहना है, गिरोह रडार पर है

ठगों के खाते में धीरे धीरे कर सारी रकम जमा करा देने के बाद भी जब प्रोफेसर के खाते मे पॉलिसी मेच्योरिटी के पैसे नहीं आए तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ और इस मामले में पीड़ित ने इंदिरापुरम पुलिस, मुख्यमंत्री, डीजीपी, मेरठ रेंज के आईजी (IG) और एसएसपी (SSP) को शिकायत भेजी। ठगी का पता चलने पर जब पीड़ित ने शिकायत करी तो आरोपियों ने उन्हें और परिवार को जान से मारने की धमकी दी। साइबर सेल इस मामले की जांच कर रही है।

साइबर सेल के नोडल अधिकारी एवं सीओ इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र (Abhay Kumar Mishra) ने कहा कि रिटायर्ड प्रोफेसर के साथ ठगी करने वाला गिरोह रडार पर है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। ठगी के कारण प्रोफेसर डिप्रेशन में आ गए और बीमार हो गए हैं।