गुजरात सरकार ने वाहन मालिकों को अब वाहन के नंबर का भी मालिक होने का अधिकार दे दिया है। बेचे गए अथवा कबाड़ में दिए गए वाहन के नंबर को वाहन मालिक दो बार अपने नए वाहन में उपयोग कर सकेंगे, लेकिन उन्हें अपनी पसंद के नंबर के लिए निर्धारित शुल्क देना होगा। गुजरात के परिवहन मंत्री पूर्णेश मोदी ने बताया कि लोग अपनी धार्मिक मान्यता, पसंद अथवा न्यूमेरोलाजी के हिसाब से वाहन का नंबर पसंद करते हैं। नंबर विशेष के साथ जुड़ी लोगों की भावना व पसंद को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने वाहन मालिकों को वाहन के साथ उसके नंबर का भी मालिक होने का मौका दिया है।
पुराने नंबर को नए वाहन में कर सकेंगे यूज
निर्धारित शुल्क देकर वाहन चालक बेचे गए अथवा कबाड़ में दिए गए वाहन का नंबर दो बार नए वाहन में इस्तेमाल कर सकेंगे। सरकार ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा बंगाल की तरह अब गुजरात में भी वाहन मालिकों को यह अधिकार दिया है। सरकार की शर्त यह है कि उक्त वाहन नंबर का एक साल तक अधिकार वाहन मालिक के पास रहा हो तथा नया वाहन भी उसी प्रकार का हो। सरकार ने इसके लिए शुल्क भी निर्धारित किया है जो दोपहिया वाहन के लिए दो से आठ हजार तथा चार पहिया वाहन के लिए आठ से 40 हजार रुपये होगा। 15 दिन में वाहन मालिक को उनकी पसंद के नंबर दे दिए जाएंगे।
ये भी जानिए
आपको बता दें कि इसके पहले भारत सरकार ने बीएच या कहें तो भारत सीरीज के रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए पिछले साल एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया था और अब इसे नए वाहनों के लिए देशभर में शुरू कर दिया गया है। इस नंबर प्लेट का ये फायदा होगा कि इस पर किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश का रजिस्ट्रशन नंबर नहीं होगा और इसकी शुरुआत बीएच से होगी। इससे किसी भी राज्य से अपना वाहन अन्य राज्य में ले जाने पर आपको नंबर बदलवाने की जरूरत नहीं होगी।