छह पशुओं की मौत ,पंचायत सचिव निलंबित, प्रधान को नोटिस

-डीएम ने बैरीपुर रामनाथ में गौवंशो की मौत की जांच के लि गठित की तीन सदस्यीय टीम


गोंडा। विकासखंड मनकापुर अंर्तगत बृहद गौ आश्रय केंद्र बैरीपुर रामनाथ में गौ वंशो की मौत का संज्ञान लेते हुए डीएम मार्कंडेय शाही के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने सचिव को निलंबित कर प्रधान के अधिकार को सीज करने की बड़ी कार्रवाई की है।
उल्लेखनीय है कि कडाके की ठंड में पशुओ के लि पुआल व बोरे की व्यवस्था नहीं हा पायी, इसके अलावा खाने पीने के इंतजाम नाकाफी रहे। नतीजा प्रशाासन इन गौ वंश को बचाने में नाकाम रहा । अखबार व सोशल मीडिया में पशुओं के मरने की खबर आयी तो प्रशासन कुभ्ंाकर्णी नींद से जागा और गौ आश्रय की ओर भागा । घटना को गंभीर माना गया। सीडीओ श्री त्रिपाठी ने बताया कि गौ वंश मरने के मामले में ग्राम पंचायत बैरीपुर रामनाथ के पंचायत सचिव पवन कुमार गौतम को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए ग्राम प्रधान के अधिकार सीज करने के लि 95 जी की नोटिस दी है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिसमें एसडीएम मनकापुर, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी को नामित किया है। कमेटी द्वारा 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपनी होगी। जिलाधिकारी श्री शाही ने बताया कि वृहद गौ आश्रय केंद्र पर प्रथम दृष्टया लापरवाही के कारण मौतें हुई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अन्य दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी ने सभी खंड विकास अधिकारियों से उनके ब्लॉक अंतर्गत संचालित गौ आश्रय स्थलों की जांच कर सोमवार को ही रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट चेतवानी दी है कि गौ आश्रय केंद्रों पर आवश्यक व्यवस्थाएं दुरुस्त न मिलने पर बीडीओ सहित एडीओ पंचायत, सचिव, ग्राम प्रधान और पशु चिकित्साधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा।
कुंभकर्णी नींद से जागा प्रशासन, गौ आश्रय केंद्र पर पहुंचे साहब


गोंडा, सर्द हवा में रजाई में लेटने वाले साहब लोंगों के लिए सोमवार का दिन अच्छा नहीं रहा और गौवंशों की मौत से प्रशासन में हडकंप मच गया, इसके बाद डीम का फरमान कि सभी गौ आश्रयकेंद्र पर साहब पहुंचे।

आश्रय केंद्र में रहने वाले पशुओं को ठण्ड से बचाने के लिए ब्यवस्थाओं का जायजा लेने नायब तहसीलदार धर्मेन्द्र कुमार ने मुज़ेहना क्षेत्र की कई गौ शालाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान त्रिलोकपुर के आश्रय केंद्र में भारी अब्यवस्था देखने को मिली, खराब भूसा, दूषित पानी अथवा परिसर की गन्दगी देख कर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कर्मचारियों को तत्काल ब्यवस्था सुधारने तथा चारे की पर्याप्त ब्यवस्था के लिए निर्देशित किया है। इसके बाद उन्होंने महेशाभारी आश्रय केंद्र का निरीक्षण किया जहां पर कुल चालीस गोवंश मिले, कम संख्या की वजह जानने के बाद बाहर घूम रहे मवेशियों आश्रय केंद्र में लाने को कहा है। वहीं प्रदेश की प्रथम मॉडल गौ आश्रय केंद्र रुद्रगढ़ नौसी में 372 गोवंश मिले ब्यवस्था सन्तोष जनक पाई गयी है।

जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही के निर्देश पर बेलसर ब्लाक के गोशालाओं का निरीक्षण तहसीलदार पैगाम हैदर ने किया। निरीक्षण के दौरान डिकिसर में 135 आदमपुर में 60 सेमरीकला में 190 पशु मिले। यहां भूसा मिला और ठंड से बचाने के लिए पल्ली लगी मिली। जफरापुर गोशाला में निरीक्षण में 70 के सापेक्ष 160 पशु मिले। यहां ठण्ड से बचाव के लिए पशु सेड में पल्ली लगी मिली। भूसा व हरा चारा मिला। तहसीलदार ने कहा कि गोबर की नीलामी करा कर सफाई कराई जाए। तहसीलदार पैगाम हैदर ने बताया कि प्रधानों को निर्देश दिया गया हैं कि पशुओं को ठण्ड से बचाव के लिए इंतजाम करे और भूसा चारे की कमी न होनी पाये। इस दौरान बीडीओ अरुण कुमार सिंह पशु चिकित्साधिकारी डॉ नरेंद्र कुमार उपाध्यायदिनेश सिंह प्रधान रामभान सिंह गनी मोहम्मद शत्रुहन मौर्या समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।
केस तीन – मंगुरा बाजार, गोंडा। धारण क्षमता से अधिक पशुओं के बढ़ने से गो आश्रय केंद्रों पर सुविधाओ की कमी हो गई है। सर्द हवाओं से पशुओं को जाड़े की रात भारी पड़ रही है ।


विकास खंड परसपुर के गौ आश्रय केंद्र खरगूपुर में इस समय धारण क्षमता से दुगने पशुओं के बढ़ने से सुविधाओ की कमी दिखाई दे रही है।निराशित पशुओं के रहने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है ।चरनी में टीन शेड रखा गया है ।जहा पर पशुओं के खाने रहने की व्यवस्था बनाई गई है।हवा से बचाव के लिए लगाई गई पन्नी फटी हुई है ।जिससे ठंड हवाएं पशुओं की ठंडी बढ़ा देती है ।ग्राम प्रधान उमेश त्रिपाठी ने बताया दो पशु मरे थे जिनका डिस्पोजल करा दिया गया है ।बताया चारा पानी की पर्याप्त व्यवस्था है।खंड विकास अधिकारी परसपुर वर्षा सिंह ने बताया की खरगूपुर ग्राम पंचायत के उक्त गो आश्रय केंद्र पर 100 की धारण क्षमता है। लेकिन 150 से अधिक पशुओं की संख्या हो जाने के कारण कुछ दिक्कत हुई है।ग्राम पंचायत अधिकारी को मौके पर भेजा गया है। ग्राम प्रधान से बात की गई है जल्द ही व्यवस्था ठीक हो जाएगी।
व्यवस्था की खामी के कारण रविवार को दो पशुओं की मौत हो गई है।


दो सौं की क्षमता , पांच सौं पशुओं को गौ आश्रय में भेजा, देखरेख व इलाज फेल


मुख्य सचिव का फरमान छुट्टा जानवरों को गौ आश्रयकेंद्रों में भिजवाया जा , इसे लागू कराने के लि अधिकारियों ने हिटलरशाही रवैया अख्त्यिार कर जबरिया गौ आश्रयकेंद्रों में गावं व शहर के पशुओ को पकड के भेज दिया जिससे मनकापुर बैरीपुर रामनाथ समेत कई जगह चारा व रखरखाव तथा इलाज का संकट पैदा हो गया लेकिन इसका ठीकरा प्रधानों के माथे फोड दिया गया। बात हो रही मनकापुर बैरापुर रामनाथ की जहां के प्रधान प्रतिनिधि अतुल पांडेय का कहना है कि क सप्ताह पहले अचानक शहर व गावं से पशुओं को पकडकर गौ आश्रय केंद्र में भेजा गया। वृहद गौ आश्रय केंद के नाम पर क्षमता 500 सौ बतायी गयी जबकि वास्तव में यहां पर 180 से दौ सौ पशु ही रह रहे थे। अचानक इतनी संख्या में पशुओं के आने से व्यवस्था अव्यवस्था में बदल गयी। चार आदमी लगे थे इन्हे छह कर दिया।भूसा व चारे का इंतजाम इतनी जल्दी कैसे हो पाता। सबसे ज्यादा समस्या साड व गाय अलग न होने की है जिससे सांड गायों को मार रहे हैं। डॉक्टर को पफोन मिलाने पर बताया कि उसकी चुनाव ड्यूटी लगी है। इससे इलाज नहीं हो पाया। श्री पांडेय का कहना है कि बाहर से दो पशु मृत हालत में लोग छोड गये, तीन पशु साड दवारा घायल होने से मर गये।

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