पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस उमर अता बंदियाल ने बुधवार को पाकिस्तान के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। वह 18 सितंबर 2023 को अपनी सेवानिवृत्ति तक पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश के रूप में बने रहेंगे। इसके बाद पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJP) गुलजार अहमद को पद से हटा दिया गया। जस्टिस अहमद को 21 दिसंबर 2019 को मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।
शपथ लेने से पहले कर चुके इनकार
आपको बता दें कि जस्टिस बंदियाल पहले शपथ लेने से इंकार कर चुके हैं। वर्ष 2007 में पाकिस्तानी सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ की आपातकाल की घोषणा के बाद बंदियाल ने दोबारा शपथ लेने से इनकार कर दिया था।डान की रिपोर्ट के अनुसार बंदियाल ने न्यायाधीशों के घोटाले और अनिर्धारित मामलों के बड़े पैमाने पर बैकलाग को न्यायपालिका के सामने प्रमुख चुनौती बताया है। मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने मंगलवार को पाकिस्तान के पूर्व सीजेपी के कार्यकाल के दौरान उच्च न्यायपालिका के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने जजों के फैसलों की आलोचना करने के बजाय पाकिस्तानी मेनस्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया की जजों पर हमला करने के लिए आलोचना की है।
अदालततों का समय बचाने पर दिया जोर
इसके अलावा बंदियाल ने सुप्रीम कोर्ट सहित सभी अदालतों की कमजोरियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए प्रदर्शन आडिट का विचार पेश किया। इसके साथ ही जस्टिस बंदियाल ने कानूनी बिरादरी से अदालत के समय को बचाने में मदद करने का आह्वान किया। समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने वकील द्वारा लिखित, संक्षिप्त बयानों और तर्कों पर अधिक से अधिक निर्भरता सुनिश्चित करके सुनवाई के समय टालने की संस्कृति को समाप्त करके समय के न्यायिक उपयोग का आग्रह किया। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत में लगभग 51 हजार 766 मामले लंबित है वहीं, उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों में लंबित मामलों की कुल संख्या 21 लाख है।
