मायावती ने आगरा रैली में, सपा, कांग्रेस और भाजपा को लिया आड़े हाथ

बसपा अध्यक्ष मायावती आगरा में पहली बार चुनावी रैली कर रही हैं। यहां पहुंचकर मायावती ने भाजपा, सपा और कांग्रेस तीनों पार्टियों को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा- ‘सपा सरकार में गुंडे-बदमाशों का राज रहा। सपा ने एक विशेष समुदाय के लिए ही काम किया। कांग्रेस भी नाटकबाजी करती है। जब सत्ता में थे, तब महिलाएं क्यों नहीं याद आईं उनको’? भाजपा के राज में यूपी में दलितों के बुरे हाल है। भाजपा सिर्फ आरएसएस का एजेंडा चला रही है।

मायावती ने कहा कि कांग्रेस अपनी गलत नीतियों की वजह से ही सत्ता से बेदखल हुई। कांग्रेस ने दलितों, पिछ़डों और आदिवासियों की खिलाफत की। जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया।

मायावती ने कहा, ‘दलितों को पदोन्नति में आरक्षण से रोकने का काम सपा ने किया। सपा ने कभी दलितों को पसंद नहीं किया। गुंडे-बदमाशों को संरक्षण दिया।

भाजपा के लोग आरएसएस के संकीर्ण एजेंडे को लागू करने में लगे हैं। भाजपा ने पक्षपात का शासन किया। यूपी की जनता से सौतेला रवैया अपनाया गया। यूपी ही नहीं पूरे देश के किसान केंद्र सरकार की गलत नीतियों को खामियाजा भुगत रहे हैं’।

सभा स्थल में 1 हजार कुर्सियां

आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में बसपा सुप्रीमो को सुनने के लिए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य जिलों से उनके समर्थक और कार्यकर्ता पहुंचे हैं। कार्यकर्ताओं का जोश हाई है। जनसभा स्थल केवल एक हजार लोगों को ही प्रवेश दिया गया है, इसके बाद भी हजारों की भीड़ है।

उत्तर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों से आए समर्थक
सुबह 10 बजे से ही मैदान पर आगरा मंडल के साथ दूसरे राज्य मध्यप्रदेश व राजस्थान से कार्यकर्ता आए हैं। चुनाव आयोग की गाइडलाइन के तहत केवल एक हजार लोगों को ही पास के माध्यम से प्रवेश दिया जा रहा है। ग्वालियर से आए बसपा कार्यकर्ता का कहना है कि भले ही वो अंदर न जा पाएं, लेकिन अपनी नेता की आवाज और संदेश सुनकर ही उनका यहां आना सफल हो जाएगा। वहीं, राजस्थान के धौलपुर से आए कार्यकर्ता का कहना है कि यहां से उनकी नेता जो संदेश देंगी, उसे अपने राज्य के कार्यकर्ताओं को बताएंगे।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दलित-मुस्लिम गठजोड़ पर नजर
बसपा प्रमुख की नजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित-पिछडे़ और मुस्लिम वर्ग पर होगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 29 जिलों में अधिकांश सीटों पर बसपा का प्रभाव रहा है। चुनाव के प्रथम दो चरण में अधिकांश जिलों में चुनाव है।

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