
ग्रामीणों को जागरूक कर खिलाई जाएगी फाइलेरिया रोधी दवा
ग्राम प्रधान, आशा और एनजीओ की ली जाएगी मदद
बहराइच l जनपद के दो गाँवों में लोगों को जागरूक कर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। इस दौरान ग्रामीणों को फाइलेरिया के बारे में जानकारी देते हुए मच्छरदानी के प्रयोग व मच्छरों से बचाव के अन्य उपाय भी बताए जाएंगे। इस विशेष अभियान में क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता , ग्राम प्रधान के साथ ही गांव के किसी एक व्यक्ति और गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग भी लिया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि यह विशेष अभियान जरवल ब्लॉक के रिठौड़ा व हुजूरपुर ब्लॉक के लौकाही गांव में चलाया जाएगा। इसके तहत आशा प्रतिदिन गांव के 25 घरों का सर्वे कर शत-प्रतिशत पात्र लोगों को दवा खिलाएंगी। फाइलेरिया से बचाव की दवा खाली पेट नहीं खानी है तथा दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को दवा नहीं खिलानी है।आशा के सहयोगी के रूप में गांव का एक व्यक्ति रहेगा, जो कि दवा खिलाते हुए फोटो खींचेगा अैर उसे वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड करेगा। इसके अलावा विभाग आशा को एक बुकलेट देगा, जिसमें सर्वे वाले घर के प्रत्येक सदस्य का नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर, जेंडर, दवा खिलाने की तारीख आदि विवरण दर्ज किया जाएगा। इस कार्य के लिए आशा और और उसके सहयोगी को प्रतिदिन 125 रुपए का पारिश्रमिक भुगतान भी किया जाएगा।
सीएमओ ने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम प्रधान के सहयोग से झाड़ियों को साफ कराया जाएगा, जिन गड्ढों में पानी भरा है, उन्हें बंद कराया जाएगा। इसके अलावा मच्छरों और उनके लार्वा को नष्ट करने के लिए फागिंग कराई जाएगी।
फाइलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करने और दवा को लेकर उनकी शंकाओं के समाधान के लिए नुक्कड़ नाटकों का मंचन व माइक के माध्यम से जागरूकता भरे संदेशों का प्रचार किया जाएगा और जागरूकता वाले पर्चे व पंफलेट्स का भी वितरण किया जाएगा। आवश्यकतानुसार गांवों में मच्छरदानी का भी वितरण किया जाएगा।
क्या है फाइलेरिया बीमारी –
एसीएमओ और फाइलेरिया कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. जयंत कुमार बताते हैं कि फाइलेरिया बीमारी क्यूलैक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के जरिए फैलती है। जब यह मादा मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के विषाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं। लेकिन ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चल पाता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है लेकिन फायलेरिया रोधी दवा खाने के बाद संक्रमण होने की संभावना न के बराबर रहती है ।
फाइलेरिया के लक्षण –
संक्रमण होने के काफी दिन बाद फाइलेरिया के बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं, जैसे कि अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, इस्नोफीलिया, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा हो जाना, अंडकोष में सूजन आदि। फाइलेरिया का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।