बहराइच : मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाकार ने किया राजकीय आलू प्रक्षेत्र का भ्रमण

क़ुतुब अंसारी 
बहराइच। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन के आर्थिक सलाहकार के.वी. राजू ने शनिवार को जनपद में स्थापित राजकीय औद्यानिक इकाई, गाजीपुर, कैसरगंज व राजकीय आलू प्रक्षेत्र, बालापुर, बहराइच का भ्रमण किया। राजकीय प्रक्षेत्रों के भ्रमण के दौरान श्री राजू ने मौके पर मौजूद निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उ.प्र. डा. आर.पी. सिंह, जिला उद्यान अधिकारी पारस नाथ, प्रभारी, राजकीय आलू प्रक्षेत्र, बालापुर, बहराइच आर.के. वर्मा एवं उमेश चन्द्र वर्मा तथा प्रभारी, राजकीय औद्यानिक इकाई, गाजीपुर, कैसरगंज, बहराइच से विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की।
निदेशक उद्यान डा. आर.पी. सिंह ने आर्थिक सलाहकार को बताया कि प्रक्षेत्र पर उत्पादित आलू एवं शाकभाजी बीज प्रदेश के किसानों को वितरित किया जाता है। जिससे फसलों में प्रजातियों के बदलाव होने से प्रति इकाई उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है। उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों से अन्य बीजों की अपेक्षा अधिक उत्पादन प्राप्त होने से प्रति इकाई अधिक आय भी प्राप्त होती है। श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में इस समय तमाम औद्यानिक विकास योजनायें कृषकों के हितार्थ उ.प्र. सरकार द्वारा विभाग के माध्यम से संचालित की जा रही है। जिससे अधिक से अधिक किसान भाई कृषक पारदर्शी योजनान्तर्गत पंजीकरण कराकर ‘प्रथम आवक-प्रथम पावक’ के आधार पर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
निरीक्षण के दौरान जिला उद्यान अधिकारी पारस नाथ ने दोनो प्रक्षेत्रों पर सोलर पम्प की स्थापना, भूमिगत नाली का निर्माण, नये टैªक्टर के क्रय तथा कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाओं हेतु भवन निर्माण का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि इससे प्रक्षेत्रों की उत्पादन लागत में कमी आयेगी तथा अधिक उत्पादन प्राप्त होगा। जिससे प्रदेश के किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त आलू एवं शाकभाजी के बीज प्राप्त हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार श्री राजू, ने मौके पर मौजूद प्रगतिशील कृषक गुलाम मोहम्मद के द्वारा कृषि विविधिकरण अपनायें जाने की प्रशंसा व्यक्त की तथा प्रदेश के अन्य किसानों में भी इसी तरह विविधिकरण अपनाकर उनकी आय को दुगना किये जाने की सलाह दी गयी। इस अवसर पर उपस्थित प्रगतिशील कृषक डा. ओमकार सिंह, पूर्व चीफ प्राक्टर बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय के द्वारा जनपद श्रावस्ती में कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना शीघ्र किये जाने का सुझाव दिया गया। उन्होंने मृदा परीक्षण की गुणवत्ता में सुधार तथा जनपद में खाद्य प्रसंस्करण की इकाई की स्थापना के साथ ही जनपद में एक बकरी पालन केन्द्र की भी स्थापना किये जाने का सुझाव दिया।
प्रगतिशील कृषक हनुमान प्रसाद शर्मा ने सुझाव दिया कि उद्यान विभाग द्वारा फल/शाकभाजी, मसाला क्षेत्रविस्तार कार्यक्रमों के साथ-साथ जनपद में परवल व कुन्दरू तथा केला की खेती को बढ़ावा दिया जाये। केले पर आधारित उद्योग की स्थापना की जाये। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उद्यान विभाग द्वारा क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम के साथ फसलों को छुट्टा जानवरों से हो रहे क्षति को बचाने हेतु फेन्सिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जाये जिससे कृषकों की आय दुगनी की जा सके तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार पैदा होने से ग्रामीण क्षेत्र के नव युवकों का पलायन काफी हद तक रोका जा सकता है।
निरीक्षण के दौरान मौजूद प्रगतिशील कृषक राम केवल गुप्ता, शक्तिनाथ सिंह, राम फेरन पाण्डेय, आजाद सिंह, एस.एन. शुक्ल, विनोद कुमार, नरेन्द्र चैधरी, कौशलेन्द्र चैधरी, हबीब खाॅं, फरीद, अजमल आदि ने औद्यानिक फसलों के विपणन व्यवस्था, छुट्टा जानवरो से खेती में हो रहे नुकसान से निजात दिलाने के लिए औषधीय खेती, गौ आधारित खेती तथा गन्ने के साथ सहफसली खेती तथा मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि कार्यक्रम कराये जाने का सुझाव दिया।

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