
दुबौलिया /बस्ती। सरयू नदी की तलहटी में बसे दर्जनों गांवों के किसान कछार क्षेत्र में नाव से नदी पार कर खेती करने को मजबूर हैं जबकि पीपे के पुल बन जाने से उनकी राह आसान हो सकती है ।
कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों किसानों की खेतिहर जमीनें नदी के कटाव से धारा में विलीन होने के बाद कालान्तर में जब खेती करने लायक जमीन हुई तब तटवर्ती किसान अपनी जमीन पर खेती करने के लिए नदी की धारा को नाव से पार कर तमाम दुश्वारियां झेलते हुए बाढ़ से तबाह खरीफ की फसल की भरपाई रवी एवं जायद की फसलों से करने के लिए कड़ी मशक्कत करते हैं ।नदी पार खेती करने के लिए आवागमन की सबसे बड़ी समस्या है। कुछ किसानों के पास अपनी निजी नाव है जिनके पास नहीं है वे किसान किराया देकर खेती करने जाते हैं ।
सरयू नदी का दियारा क्षेत्र कप्तानगंज और हरैया विधानसभा की दक्षिणी सीमा तय करती है ।माझा क्षेत्र में गेहूं की अच्छी फसल होने के साथ जायद की फसलों में तरबूज खरबूज लौकी ककड़ी की अच्छी पैदावार होती है ।हरैया विधानसभा एक पीपे का पुल बन जाने से तटवर्ती किसानों की खेती के लिए माझा क्षेत्र में जाना आसान हो गया है लेकिन कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र के किसानों को नाव का ही सहारा है । हमारे प्रतिनिधि ने कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र के चांदपुर ,आराजीडूही ,मझियार, कटरिया ,विशुनदासपुर ,भनखरपुर ,दलपतपुर ,टकटकवा, पारा, मोजपुर ,उमरिया, किशुनपुर सहित कटान से विस्थापित किसानों से जब चुनाव में स्थानीय मुद्दों की बात की तब दुखरन ,काशीराम, भूखंन ,शौकीलाल ,राम लखन सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि बी डी बांध और राम-जानकी सड़क के बीच चांदपुर गांव के पास पीपे का पुल बनाये जाने पर दर्जनों गांवों के किसानों को माझा क्षेत्र में खेती करना आसान हो जायेगा।