बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाये जाने वाले चंदनों की अनोखी ही बात है। क्योंकि यहां के चंदनों की गजब की खूशबू होती है, इन्हीं कारणों की वजब से लोगों को ये चंदन बेहद पंसद हैं। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के इस जंगलों में अतिदुर्लभ प्रजाति के सफेद चंदन पाए जाते है जो सुगन्धित होने के साथ ही औषधीय गुणों से भरपूर भी होते है। इन चंदनों की डिमांड यूपी के कुछ जिलों में काफी अधिक है। अत्यधिक मांग को देखते हुए चंदन की तस्करी भी हो रही है। वहीं रतनपुर पुलिस ने हाल में चंदन तस्करी का एक बड़ा मामला सामने आया है, पुलिस के हाथ आरोपी तो नहीं लगे और न ही पुलिस अभी तक यह पता कर पाई की चंदन कौन से वन मंडल से जिले में पहुंचा था। पुलिस पत्राचार कर चंदन तस्करों का सुराग लगाने का प्रयास कर रही है।
फिल्म पुष्पा ने चंदन की बढ़ाई तस्करी
वहीं हाल ही में ओटीपी प्लेटफॉर्म में रिलिज हुई लाल चंदन की तस्करी पर आधारित फिल्म पुष्पा में चंदन को पुलिस व फारेस्ट अधिकारियों की नजरों से बचाने के लिए क्या क्या प्रयास करते है इसे भी बताया गया है। चंदन तस्करी का जाल केवल तमिलनाडु या के शेषाचलम की पहाडिय़ों या सफेद चंदन मिलने वाले स्थान कनार्टक तक ही सीमित नहीं है। छत्तीसगढ़ के जंगलों में भी चंदन के पेड होते है लेकिन यह बहुंत ही दुलर्भ है लाखो में एक या दो चंदन के पेड ही जंगल में होते हैं।
चंदन तस्करों के मंसूबे पर पुलिस ने फेरा पानी
बताया जा रहा है कि इन पेड़ों पर भी तस्कर अपनी नजर गडाए रहते है। पुलिस ने ऐसे ही एक चंदन तस्करों के मंसूबे पर पानी फेर दिया पुलिस के हाथ चंदन तो लगा लेकिन तस्कर पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहे। रतनपुर बस स्टैण्ड के पास बोरी में पैक चंदन की लकड़ियों को पुलिस ने जब पकड़ा उस दौरान लकड़ी के पास कोई भी नहीं था। पुलिस ने लकड़ी को धारा 102 जब्त कर चंदन की लकड़ी कैसे पहुंची इसकी पड़ताल कर रहे है।
छत्तीसगढ़ में चंदन की तस्करी नई बात नहीं हैं, पेण्डा पुलिस ने 20 अगस्त 2015 में सफेद चंदन पकड़ा था इस दौरान एसआई हेमंत सिंह ने तस्कर कौशल कुमार शुक्ला पिता शशी भूषण निवासी दुमतिया पेण्डा व लेवेन्द्र सिंह ध्रुर्वा पिता सुखराम को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी स्कापियों सीजी 04 एचए 3803 से सफेद चंदन तस्करी कर कन्नौद उत्तरप्रदेश लेकर जा रहे थे।
जानिए कहा पाये जाते है सफेद चंदन
पुलिस की पूर्व में हुई कार्रवाई में पता चला था कि आरोपियों ने चंदन मनेन्द्रगढ़ स्थित छोटा नागपुर के जंगल से काट कर लाए थे। वही संफेद चंदन गौरेला पेंडा मरवाही के जंगल में भी पाया जाता है। अमरकंटक में चंदन के पेड़ देखे गए है। रतनपुर में दो चंदन के पेड है जो निजी स्वामियों के है। इसके अलावा जशपुर व कोरिया जिलो में सफेद चंदन पाए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में पेड है लेकिन यह बहुत ही कम है। इस कारण छत्तीसगढ़ में चंदन पेड को दुर्लभ प्रजाति में रखा गया है।
छत्तीसगढ़ से चंदन की तस्करी कर तस्कर इसे बनारस, कानपुर व कन्नौज लेकर जाते है। यहां बड़े बड़े कारखानों में इसकी बहुंत मांग है। औषधिय गुणों से भरपूर चंदन के तेल, अगरबत्ती, साबुन, सौंद्रर्य प्रसाधन व दवाइया भी बनाई जाती हैं।