क्षेत्र में दिख रहा आरक्षण को लेकर सरकार से पिछडों में गुस्सा

गोंडा। वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव को लेकर मेहनौन विधानसभा में भाजपा व सपा की टक्कर दिख रही है, बाकी प्रत्याशी निरूत्तर दिख रहे हैं। कारण सत्ता पक्ष को खोने व विपक्ष को पाने की ललक है, बाकी के पास वोटर को पार्टी की नीति की जानकारी देने तक सीमित नजर आ रहे है। दूसरी ओर पिछडों की सरकार से नाराजगी आरक्षण को लेकर साफ दिख रही है। एक कर्मचारी समूह में शिक्षा मित्र ,अनुदेशक नाराज है और कर्मचारी पेंशन को लेकर विपक्ष में वोट करने में आमादा दिख रहे हैं।
मुजेहना सीट अब मेहनाौन के नाम से हो गयी है, यहां पर दो दशक तक राजनीतिक लडाई बाबू रामपाल सिंह व फायर बा्रंड नेता घनश्याम शुक्ल के बीच रही है। घनश्याम शुक्ल व बाबू राम पाल मैदान में नहीं है लेकिन घनश्याम शुक्ल की चर्चा क्षेत्र में हो रही है। वर्तमान में यहां पर भाजपा से विधायक विनय द्विवेदी मैान में है, उनका मुकाबला स्वर्गीय घनश्याम शुक्ल का परिवार नंदिता शुक्ला कर रही हैं। बसपा से शिवकुमार शर्मा, कांग्रेस से कुतुबुद्दीन खान उर्फ डायमंड कांग्रेस से दौड रहे हैं।
उल्लेखनीय कि बाबू रामपाल कांग्रेस से 1985 में विधायक बने, 1989 में रामपाल बाबू दोबारा विधायक बने। 1991 में पंडित अटल बिहारी बाजपेई के साथी चंद्रशेखर शुक्ल के बेटा धनश्याम शुक्ल यहां से विधायक बने तो युवाओं को नया नेता मिल गया। 1993 में दोबारा विधायक बने। 1996 में तीसरी बार बाबू रामपाल सिंह सपा से विधायक बने, 2002 में तीसरी बार घनश्याम शुक्ल बने। 2004 में हृदय विदारक घटना में घनश्याम शुक्ल की मौत हो गयी। इसकें बाद उनकी पत्नी नंदिता शुक्ला सपा में चली गयी और विधायक बनी। 2012 में सपा से नंदिता ने जीत दर्ज की और 2014 में सपा से सांसद का चुनाव लड़ी। यहां से राजनीतिक बदलाव हुआ और सुप्तावस्था में रहे विनय द्विवेदी भाजपा से 2017 में टिकट पाकर विधायक बने ।
नंदिता के स्थान पर उनके बेटे राहुल शुक्ल सपा से मैदान में आये लेकिन सफलता नहीं मिली। अब 27 फरवरी को विधान सभा का मतदान होने जा रहा है तो यहां पर सपा व भाजपा में सीधी टक्कर दख रही है। वहीं आरक्षण पर पिछडों की नाराजगी का लाभ सीधे सपा कोेे मिल रहा है, पुरानी पेंशन का लाभ विपक्ष को मिल रहा है। धनश्याम के समर्थक नंदिता के साथ है, उन्हें ंपार्टी से कोई सरोकार नही है, भाजपा को संगठन व पार्टी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। यहा से राम मुनिजर वर्मा का कहना है कि शिक्षक भर्ती में पिछडों का आरक्षण सरकार खा गयी तो हम लोग भाजपा से नाराज हैं। दो शिक्षा मित्र व दो शिक्षकों पर भाजपा का विरोध करने पर कार्रवाई हो चुकी है।