
बिहार विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। इसकी शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल फागू चौहान ने सदन के समक्ष लिखित अभिभाषण को पढ़ा। वहीं, कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार किया। राज्यपाल ने अभिभाषण में कई प्रमुख घोषणाएं कीं। वहीं, राज्यपाल के भाषण के बाद विधानसभा में BJP विधायकों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। साथ ही उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। वहीं, 28 फरवरी को आगामी साल का बजट पेश किया जाएगा।

- राज्य के 149 आईटीआई केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में परिवर्तित किया जाएगा। पहले फेज में 60 तैयार होंगे।
- विकट स्थिति के बावजूद सरकार ने सभी सरकारी कर्मियों व पेंशनधारियों का ससमय भुगतान किया है।
- राज्य के सुदूर क्षेत्रों से 5 घंटे में पटना पहुंचने के लिए निर्माण कार्य पर काम चल रहा है।
- शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का कार्य कराया जा रहा है।
- कई नगर निकायों का पुनर्गठन व उपक्रमित कर इसकी संख्या 262 की गई है। आने वाले समय में लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकेंगी।
- सब्जियों के जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है। राज्य के 17500 एकड़ जैविक खेती के लिए सर्टिफिकेट निर्गत किया गया है।
- फसल के वाजिब मूल्य मिले इसके लिए पैक्स के माध्यम से धान की अधिप्राप्ति की जा रही है।
- इस वर्ष 35 लाख 68 हजार मिट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति हुई है। 4 लाख 56 हजार मीट्रिक टन गेहूं की अधिप्राप्ति हुई है।
वित्त मंत्री के आर्थिक सर्वेक्षण की मुख्य बातें
वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने आर्थिक सर्वेक्षण में बताया कि कोरोना की चुनौतियों के बीच बिहार में विकास का काम कर रहे हैं। राज्य का विकास दर 2.5% कायम रहा। राज्य देश के अधिकतर राज्यों से ऊपर रहा है। इस साल 41.2 सीडी रेशियो रहा है। कृषि, पर्यटन और जल जीवन हरियाली में बेहतर काम किया है। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत काम हुआ है। कोरोना काल में भी स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर काम किया। बिहार में शिशु मृत्यु दर को बेहतर किया गया है। राष्ट्रीय स्तर से भी बिहार में काम हुआ है। उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण को बिहार के विकास का दस्तावेज बताया। साथ ही कहा कि बिहार ने विपरीत परिस्थितियों में भी काम किया है। बिहार का सकल घरेलू उत्पास लॉक डाउन के कारण 2.5 प्रतिशत रहा। 2020-21 में सरकार का कुल व्यय पिछले साल से 13.4 प्रतिशत बढ़ा। सामान्य सेवाओ में 11.1 प्रतिशत, सामाजिक सेवाओ में 10.4 प्रतिशत रहा।

हेलिकॉप्टर उड़ाकर बेवकूफ बना रही सरकार
डॉ. मुकेश रौशन ने बताया कि राज्य के अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। यहां तक कि राज्य में पुलिस बल की संख्या तक नहीं है, लेकिन पैसा पानी की तरह बहाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वे इस विरोध के माध्यम से बताना चाह रहे हैं कि सरकार हेलिकॉप्टर उड़ाकर लोगों को बेवकूफ बना रही है।