फतेहपुर : चुनावी हार-जीत की चर्चाओं से बाजार रहा गर्म

भास्कर ब्यूरो

फतेहपुर । 23 फरवरी को विधानसभा सामान्य चुनाव सम्पन्न होने के चौथे दिन बाद भी जिले व खागा कस्बे समेत ग्रामीण इलाकों में भी चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। जहां लोग सुबह से देर रात तक चाय पान की दुकानों में बैठकर चाय की चुश्कियो के साथ चुनावी मैदान में कूदे दलीय व निर्दलीय प्रत्याशियों की हार जीत की गुणा गणित लगाते रहे।

चहेते प्रत्याशी की विजय बताकर सोशल मीडिया में चुनावी चौपाल सक्रिय

गौरतलब है कि जिले की सभी छः विधानसभाओं सदर, अयाह शाह, बिन्दकी, जहानाबाद, हुसैनगंज समेत खागा में 23 फरवरी को चौथे चरण का मतदान जिला प्रशासन की सक्रियता से कुशलता पूर्वक ढंग से पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हो गया। मतदाताओं ने चुनावी रण में कूदे सभी दलीय व निर्दलीय प्रत्याशियों के भाग्य के फैसले को ई एम मशीनों में कैद कर दिया। जिसके बाद से लगातार चौथे दिन रविवार तक जिला मुख्यालय समेत कस्बों व ग्रामीणांचलों में भी चुनावी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।

फिलहाल शहर ही नहीं वरन कस्बों व ग्रामीणांचलों में समर्थक जातीय समीकरण के आधार पर अपने अपने समर्थंको को भारी बहुमत के साथ विजयी घोषित करने से नहीं चूक रहे हैं। सुबह से देर रात तक केवल चुनावी चर्चाओं का बाजार ही गर्म रहता है। घर से चौपाल तक सरकारें बन बिगड़ रही हैं। राजनैतिक जानकारों के साथ ही वह लोग भी अपने अपने चहेते प्रत्याशियों के हार जीत की राय बेबाकी के साथ दे रहे हैं। जो हमेशा से ही राजनीतिक से कोसों दूर रहे हैं।

यही नहीं बल्कि चुनावी हार जीत की चर्चाओं व सरकार बनाने बिगाड़ने की गुणा गणित लगाने से सरकारी व अर्धसरकारी संस्थान फिर चाहे व तहसील परिसर के कार्यालय हों, सरकारी अस्पताल हों या फिर थाना चौकी अथवा सरकारी या निजी शैक्षिक संस्थान या फिर अन्य सरकारी अथवा निजी संस्थान हों वह भी चुनावी हार जीत की चर्चाओं से अछूते नहीं हैं।

जहां कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी भी सुबह से ही घण्टों तक हार जीत को लेकर अपनी अपनी चुनावी आंकड़ों की बाजीगरी पेश करते हुए अपने अपने चहेते विधानसभा प्रत्याशियों की हार जीत की मनगढंत घोषणाएं कर सरकार बनाने व बिगाड़ने में मशगूल रहे। जो कि जातीय समीकरण के आधार पर अपने अपने चहेते प्रत्याशियों को मिले मतों का आँकलन करते रहे। जिनके आधार पर वह चुनावी नतीजों को लेकर भी मनगढंत नजीजे पेश होते रहे।

वहीं ग्रामीणांचलों की चौपालों में किस बूथ में किस जाति के कितने वोटर हैं और किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले हैं। किस प्रत्याशी ने किसके कितने वोट काटे होंगे इन सबके आंकड़ों को लेकर भी लोग प्रत्याशियों की हार जीत की अग्रिम घोषणाएं कर रहे हैं। यही नहीं बल्कि चुनावी फतह हाँसिल करने के लिए मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए किस प्रत्याशियों द्वारा चुनाव प्रचार व विभिन्न मदों में किये गये खर्च का भी बेबाकी से ब्योरा देने से नहीं चूके।

प्रत्याशियों के समर्थक सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेट फर्मो व्हाट्सएप ग्रुपों, फेस बुक,ट्वीटर एकाउंट में भी बहसबाजी करते हुए अपने अपने चहेते प्रत्याशियों को हजारों मतों से विजयी घोषित करते रहे। जिसमें खास बात यह रही कि समर्थक अपने अपने आंकड़ों के हिसाब से प्रत्याशियों के बीच उनको मिले मतों का अलग अलग बंटवारा भी करते रहे। हार जीत के दावों को लेकर राजनैतिक दलों के समर्थंको की भी जुबानी जंग जारी रही।

मतदान के तुरन्त बाद से ही पार्टी कार्यालयों समेत प्रत्याशियों के आवास भी उनके समर्थंको की भीड़ से सुबह से देर शाम तक भरे रहते हैं। समर्थंको द्वारा जीत की अग्रिम घोषणाओं को सुनकर उनके चहेते प्रत्याशी भी फूले नही समा रहे।

वहीं समर्थंको के बीच विभिन्न प्लेट फर्मो में अपने अपने चहेते प्रत्याशियों को मिले अधिकाधिक मतों दावों को लेकर हो रही तीखी बहसबाजी नोक झोंक व तू तू-मैं मैं को लेकर शांति ब्यवस्था के भंग होने के भय से पुलिस प्रशासन भी प्रत्याशियों के समर्थंको की गतिविधियों पर पैनी निगाहें गड़ाए हुए है।

प्रत्याशियों के समर्थंको की गतिविधियों पर जिससे किसी प्रकार की चुनावी जंग छिड़ने से बचाया जा सके। हालांकि जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा और कौन सी राजनैतिक पार्टी प्रदेश में सरकार बनाएगी यह अभी तक समय के गर्त में छिपा हुआ है। जो कि आगामी दस मार्च को सम्पन्न होने वाली मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

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