चार दिन के अवकाश के बाद राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही आज फिर से शुरू हो गई। विधानसभा में आज शून्यकाल में यूक्रेन संकट पर चर्चा होगी। यूक्रेन में राजस्थानी स्टूडेंट्स की वापसी के मुद्दे पर सरकार बयान देगी।
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल सरकार की तरफ से जवाब देंगे। सरकार के जवाब में यूक्रेन में फंसे स्टूडेंट्स की सुरक्षित वापसी के लिए केंद्र सरकार को भेजे गए प्रस्तावों और राजस्थान सरकार के प्रयासों का जिक्र होगा। दरअसल, स्पीकर ने 25 फरवरी को यूक्रेन संकट पर जवाब देने के लिए 2 मार्च की तारीख तय की थी।
राजस्थान सरकार ने यूक्रेन से आने वाले छात्रों को सरकारी खर्चे पर उनके घरों तक पहुंचाने की घोषणा की है। पिछले तीन से लगातार मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट पर राजस्थानी स्टूडेंट्स पहुंच रहे हैं। जिन्हें सरकारी गाड़ियों से ही गेस्ट हाउस और फिर उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है। स्टूडेंट्स की अगवानी के लिए मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई है।
लंबा सवाल पूछने पर स्पीकर ने सीएम के सलाहकार को टोका
प्रश्नकाल के दौरान स्पीकर ने लंबा सप्लीमेंट्री सवाल पूछने पर सीएम के सलाहकार सिरोही विधायक संयम लोढ़ा को टोकते हुए पिन पॉइंट सवाल करने को कहा। स्पीकर ने लोढ़ा से कहा कि लंबा भाषण नहीं दें, आपको सवाल पूछना है या नहीं? इस पर संयम लोढ़ा ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंट ट्रस्ट से दो करोड़ से ज्यादा के बकाया काम लंबित होने पर सवाल किया। संयम लोढ़ा सप्लीमेंट्री सवाल पर डीएमएफटी में मंजूर लंबित कामों को ब्यौरा पढ़ने लगे थे।
सीपीएम विधायक का हंगामा, स्पीकर ने फटकारा
हनुमानगढ़ जिले के किसानों को फसल बीमा का पैसा नहीं मिलने के सवाल पर सीपीएम विधायक बलवान पूनिया ने सदन में हंगामा किया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सीपीएम विधायक पूनिया स्पीकर के अगला सवाल पुकारने के बावजूद बोलते रहे। स्पीकर ने बाद में बलवान पूनिया को फटकार लगाई। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि हनुमानगढ़ के किसानों का फसल बीमा का पैसा बकाया है, इसके लिए केंद्र सरकार को भी लिखा है।
बजट पर बहस जारी रहेगी, कल सीएम का जवाब
विधानसभा में शून्यकाल के बाद आज बजट पर बहस होगी। कल शाम 5 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट बहस का जवाब देंगे। बजट बहस के जवाब के दौरान मुख्य फोकस विपक्ष की आपत्तियों का जवाब देने पर रहेगा। प्रदेश पर बढ़ते कर्ज और लोकलुभावन घोषणाओं के लिए बजट का इंतजाम कैसे होगा। इस पर सीएम जवाब देंगे। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने पर सरकार पर पड़ने वाले भार पर भी मुख्यमंत्री ब्यौरा दे सकते हैं। पुरानी पेंशन बहाली को कर्मचारियों को पक्ष में करने के लिहाज से अहम माना जा रहा है।