विभागीय लापरवाही की वजह से गर्मी में दो लाख से ज्यादा की आबादी को पानी की समस्या झेलनी होगी। शहर में नगर निगम सीमा के अंदर 2405 हैंडपंप खराब हो गए है। उनको सही करने की कोई पहल नहीं की जा रही है। अब गर्मी शुरू होने वाली है। लेकिन इनको सही करने के लिए कोई बजट या प्लान नहीं बनाया गया है। पार्षदों का कहना है कि उन लोगों ने इसको लेकर कई बार मेयर से लेकर संबंधित अधिकारियों तक शिकायत दर्ज कराई लेकिन उसको सही कराने के लिए कोई काम नहीं किया गया।
इसके बावजूद अब तक हैंडपंप की मरम्मत नहीं की जा रही है। आंकड़ों के अनुसार लखनऊ में 16082 हैंडपंप लगाए गए हैं, जिसमें करीब 15 फीसदी खराब है। एक हैंड पंप से करीब दो से ढ़ाई सौ लोगों को पानी मिलता है। खराब हुए हैंडपंप को रीबोर करने की जरूरत है। लेकिन इसको लेकर कुछ भी नहीं किया जा रहा है। शहर के कई इलाकों में शुद्ध पानी नहीं मिल पा रहा है। वहीं, 21 हैंडपंप ऐसे हैं, जो अस्थाई रूप से खराब हैं। इन हैंडपंप की मरम्मत कराने की जिम्मेदारी जलकल विभाग की है। जलकल विभाग के महाप्रबंधक एसके वर्मा का कहना है कि अस्थाई हैंडपंप की मरम्मत कराई जा रही है। , जल निगम के एक्सईएन बीसी श्रीवास्तव ने बताया कि है कि हैंडपंप संबंधित अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। इस संबंध में जलकल विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया जाएगा।
हर साल गर्मी में बढ़ जाती परेशानी
पार्षद अमिता सिंह और समीर पाल सोनू का कहना है कि गर्मी आते ही हर साल परेशानी बढ़ जाती है। सोनू ने बताया कि मुलायम नगर, सुरेंद्र नगर, अजय नगर इलाके में हैंडपंप खराब होने से काफी परेशानी है। इसको लेकर कई बार शिकायत दर्ज कराई गई। वहीं, कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने आरोप लगाया है कि अधिकारी और मंत्री केवल कमाई करने में लगे है। आम आदमी की परेशानियों से उनका कोई लेना देना नहीं है। इसकी वजह से उनकी परेशानी बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि भीषण गर्मी में बच्चों से लेकर बुजुर्गों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। गर्मी शुरू होने वाली है, लेकिन कोई अधिकारी सुध नहीं ले रहा है।