घर घर जाकर स्वास्थ्य टीम ने लोगों को बताया दवा का महत्व
बहराइच l फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए मंगलवार को चयनित दो गांवों में लोगों को फायलेरिया रोधी दवा खिलायी गयी। स्वास्थ्य टीम ने पात्र लोगों की लंबाई के अनुसार आइवर्मेक्टीन व उम्र के अनुसार डी ई सी व एल्बेंडाजोल दवा की खुराक अपने सामने खिलायी और इसके फायदे बताए।
इस दौरान स्वास्थ्य टीम के साथ ग्राम प्रधान ने भी अभियान में सहयोग किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश कुमार सिंह ने बताया कि जनपद के 8 साइटों का चयन कर नाइट ब्लड सर्वे किया गया था। इसमें हुजूरपुर ब्लॉक का लौकाही गाँव व जरवल ब्लॉक के रिठौरा गाँव में धनात्मक केस मिलने पर इन ग्रामों को पायलट प्रोजेक्ट के लिए चयन किया गया है। जहां फाइलेरिया रोग को जड़ से मिटाने के लिए लोगों को फायलेरिया रोधी दवा खिलायी जा रही है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल डॉ जयंत कुमार ने बताया कि टीम में आशा, एनम , गांव के ही एक व्यक्ति के अलावा ग्राम प्रधान को शामिल किया गया है । यह टीम एक दिन में 25 घरों में जाकर लोगों को फायलेरिया रोधी दवा खिलाएगी। वहीं ग्राम प्रधान लोगों को दवा के महत्व को बताने तथा भ्रांतियों को दूर करने में टीम की मदद करेंगे।
प्रधान के समझाने का हुआ असर
हुजूरपुर के लौकाही गांव में चांदा को पिछले 15 साल से हाथी पांव की बीमारी है। टीम जब उनके घर दवा खिलाने पहुंची तो उन्होंने मना कर दिया। कहा इस मर्ज का बहुत इलाज किया है और डॉक्टर ने बताया है कि यह अब ठीक नहीं होगा । इसलिए दवा खाने से कोई फायदा नहीं है। मौके पर मौजूद मलेरिया इंस्पेक्टर सतीश कुमार ने बताया कि यह दवा बाहर मेडिकल पर नहीं मिलती है इसे विदेश से मंगाकर सरकार लोगों को खिला रही है। इसके खाने से आपका हाथी पांव तो ठीक नही होगा लेकिन आगे और नहीं बढ़ेगा। इसके अलावा आपसे यह बीमारी परिवार के दूसरे सदस्य में नहीं फैलेगी। फिर प्रधान पति अली अहमद के कहने पर परिवार के सभी सदस्यों ने दवा खाई।
चुप्पी है बीमारी
डॉ जयंत ने बताया फायलेरिया संक्रमण होने के 12 से 15 साल बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं । तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। फायलेरिया के लक्षण जैसे हाथ पैर में सूजन, अंडकोषों में सूजन, आदि दिखाई पड़ते हैं । एक बार लक्षण प्रकट होने के बाद इसे ठीक नहीं किया जा सकता ।
ऐसे फैलता है फायलेरिया
फायलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को जब मच्छर काटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है और संक्रमित मच्छर आगे जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी फायलेरिया से संक्रमित कर देता है।
ऐसे रुकेगा फायलेरिया
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने बताया कि फायलेरिया रोधी दवा साल में एक बार और 5 साल तक खिलायी जाएगी। इस दवा को 2 साल से छोटे बच्चे , गर्भवती महिलाएं व गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी को खानी चाहिए । दवा खाने के बाद फायलेरिया संक्रमण का खतरा टल जाता है।
इनका रहा सहयोग
हुजूरपुर के लौकाही गांव में आशा शकुंतला व संगिनी गायत्री सिंह के सहयोग में पाथ संस्था से डॉ उदित मोहन, बीसीपीएम शांती देवी, मलेरिया इंस्पेक्टर सहित ग्राम प्रधान मौजूद रहे।