जयपुर । राजस्थान विधानसभा चुनावों की मतगणना में कांग्रेस लगातार आगे चल रही है। ताजा रूझानों के अनुसार कांग्रेस करीब 100 सीटों पर और भाजपा 78 सीटों पर आगे चल रही हैं। भाजपा के कई दिग्गज मंत्री संघर्ष में फंसे हुए हैं।
राजस्थान में पिछली बार भाजपा को 163 और कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं। भाजपा 1993, 2003 और 2013 में सत्ता में आई। कांग्रेस ने 1998 और 2008 का चुनाव जीता था। रूझानों के अनुसार राज्य में हर पांच साल में सरकार बदलने का 25 साल का सिलसिला बरकरार रहने आसार प्रबल होते जा रहे हैं।
भाजपा के कद्दावर मंत्री गुलाबचंद कटारिया अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की डॉ. गिरिजा व्यास से और प्रभुला सैनी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी प्रमोद जैन भाया से पीछे चल रहे हैं।
शुरुआती रूझानों में झालरापाटन से भाजपा की वसुंधरा राजे, सरदारपुरा से अशोक गहलोत और टोंक से सचिन पायलट, उदयपुर से कांग्रेस की डॉ. गिरिजा व्यास, नाथद्वारा से सीपी जोशी, राजसमंद से भाजपा की किरण माहेश्वरी, बाली से भाजपा के पुष्पेन्द्रसिंह, खिंवसर से रालोपा के हनुमान बेनीवाली, पोकरण से प्रतापपुरी, मालवीय नगर से भाजपा के कालीचरण सराफ और आदर्श नगर से कांग्रेस के रफीक बढ़त बनाए हुए हैं।
भाजपा के दिग्गज नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी, बाड़मेर से भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम, अंता से मंत्री प्रभुलाल सैनी पीछे चल रहे हैं। बढ़त मिलने के साथ ही कांग्रेस कार्यालय, सचिन पायलट व अशोक गहलोत के आवास पर समर्थकों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। समर्थकों में जश्न का माहौल बना हुआ है। चुनाव रूझानों के बाद कांग्रेस खेमे में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस की तरफ से सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुख्यमंत्री उम्मीदवार माने जा रहे हैं। दोनों ही इस बार चुनाव मैदान में थे। राजस्थान की 200 सीटों में से 199 पर 74.08 फीसदी मतदान हुआ था। एक सीट पर चुनाव उम्मीदवार के निधन के कारण स्थगित कर दिया गया है।