
संस्थान 15 दिनों में शासन को बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी अनुभाग शुरु करने का प्रस्ताव भेजेः डॉ. राजशेखर
कानपुर। जेके समूह द्वारा कैंसर जैसे आसाध्य के लिये 1955 में इस भवन का निर्माण कराया गया। जिसके पश्चात 1964 में यूपी सरकार को संचालन हेतु सौंप दिया गया था।पिछले 58 वर्षों से इस संस्थान ने आसपास के जिलों के लाखों लोगों के कैंसर के निदान और इलाज किया जा रहा है।
शुक्रवार को आयुक्त डॉ. राजशेखर ने जेके कैंसर संस्थान के आईसीयू व वार्ड का दौरा किया और निदेशक, डॉक्टरों, नर्सों, रोगियों और उनके परिचारकों के साथ बातचीत की। यहां प्रतिदिन लगभग 200 लोग को ओपीडी में कैंसर की जांच करवाने के लिए आते हैं। जिसमें 50 से 60 कैंसर पॉज़िटिव लोग निदान और उपचार के लिए भर्ती होते है।यहां बिस्तर क्षमता 106 है। अस्पताल में सभी नियमित जाँच और उपचार निःशुल्क हैं।रोगियों और परिचारकों के साथ बातचीत के दौरान, उन्होंने इस तथ्य को स्वीकार किया कि उन्हें अच्छा इलाज, दवाएं और डॉक्टरों की सलाह मिल रही है। संस्थान की मुख्य समस्या नर्सिंग स्टाफ और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की बहुत कम संख्या है। संस्थान को लगभग 50 नर्सों की आवश्यकता है, लेकिन स्वीकृत संख्या केवल 20 है और 20 में से 11 कार्यरत हैं बाकी सेवानिवृत्त हो चुके है।

संस्थान के निदेशक डॉ एसएन प्रसाद ने आयुक्त को बताया कि उन्होंने रिक्त पदों पर नर्सों की नियुक्ति की अनुमति के लिए अनुरोध पत्र भेजा है, लेकिन उन्हें अभी तक अनुमति नहीं मिली है।आयुक्त ने उन्हें इस प्रकरण को निदेशक चिकित्सा शिक्षा और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के संज्ञान में लाने और शीघ्र अनुमति हेतु प्रयास करने का आश्वासन दिया।निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि बायोप्सी मशीन खराब थी,सक्रिय बायोप्सी मशीन की अवश्य है।आयुक्त ने निदेशक को मशीन की मरम्मत कराकर अगले एक सप्ताह में इसे चालू करने को कहा।आयुक्त ने जब बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी की सुविधा के बारे में पूछा, तो निदेशक ने बताया कि अभी तक इसकी सुविधा नहीं है, परन्तु उनके द्वारा यह भी बताया गया कि अगर सरकार द्वारा इसकी अनुमति दी जाती है और कुछ संकाय और कर्मचारियों को दिया जाता है, तो जेके कैंसर संस्थान बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी अनुभाग शुरू कर सकता है।आयुक्त ने निदेशक को अगले 15 दिनों में बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी स्थापित करने के लिए एक प्रस्ताव सरकार को भेजने के लिए कहा। इस सम्बन्ध में आयुक्त भी सरकार को पत्र लिखेंगे, जिस पर शासन स्तर पर उचित निर्णय लिया जाएगा। निदेशक ने आयुक्त को बताया कि संस्थान में कैन्सर की जाँच की सभी सुविधाएं हैं और उनके पास पर्याप्त बजट भी है।आयुक्त ने स्टाफ और नर्सों ने अपनी वर्दी, नाम का बैज व पहचान पत्र नहीं थे। इसे गंभीरता से लेते हुए, आयुक्त ने निदेशक से इसकी जांच कराने और सभी के पास वर्दी, नाम का बैज व आईडी कार्ड की अगले एक सप्ताह में उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया।
आयुक्त ने संस्थान की राम रोटी रसोई को देखा
यह रसोई एनजीओ द्वारा संचालित की जा रही है और कुछ उद्योगपतियों द्वारा समर्थित है।यह प्रतिदिन लगभग 200 (रोगी और परिचारक) को अच्छी गुणवत्ता का मुफ्त भोजन उपलब्ध करा रही है। आयुक्त ने इस महान मानवीय कार्य की सराहना की और राम रोटी रसोई टीम को धन्यवाद दिया।