सुलतानपुर : मजदूर संगठनों की देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में आए बैंक कर्मी

सुलतानपुर। देश की 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में केंद्र की 50 फीसदी हिस्सेदारी को घटाए जाने की केंद्र सरकार के फैसले के विरोध और प्रायोजक बैंक नियंत्रण मुक्त भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक बनाए जाने जैसी कुछ अहम मांगों के साथ मजदूर संगठनों की मांग का पूर्ण समर्थन करते हुए देश के लाखों ग्रामीण बैंक कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ’ऑल इंडिया रीजनल रूरल बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन’ अरेबिया ने मजदूर संगठनों की 28 और 29 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है।

बड़ौदा यूपी बैंक की शाखाओं में भी रहेगी हड़ताल

सोमवार 28 मार्च से शुरू होने जा रही मजदूर संगठनों की देशव्यापी दो दिनी हड़ताल के चलते सभी राष्ट्रीय कृत बैंकों के साथ निजी क्षेत्र की बैंकों और ग्रामीण बैंकों में भी हड़ताल रहेगी। जिसके चलते जिले भर में बैंकिंग कामकाज पूरी तरह से ठप होने जा रहा है। गौरतलब है कि महीने का चैथा शनिवार और रविवार को घोषित अवकाश था। ठीक अगले दिन से 2 दिन की हड़ताल हो जाने के कारण अब पांचवें दिन बुधवार को आम आदमी को बैंकिंग सेवाएं मिल सकेंगी।

280 शाखाओं में बैंकिंग लेनदेन पूरी तरह से प्रभावित

सभी बैंकों की जिले में स्थित 280 शाखाओं में बैंकिंग लेनदेन पूरी तरह से प्रभावित होने की संभावना है। तमाम बैंकों ने अपने ग्राहकों को इस 4 दिन की बंदी के संबंध में पहले से ही आगाह कर दिया है। अरेबिया प्रवक्ता शिव करन द्विवेदी ने मीडिया के लिए जारी एक बयान में बताया है कि अरेबिया ने ग्रामीण बैंक कर्मियों की मांगों के साथ मजदूर संगठनों की देशव्यापी हड़ताल में शामिल होने का नोटिस 15 फरवरी को भारत सरकार को भेज दिया है।

भारत सरकार ने ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए वर्ष 1975 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना शुरू की थी। वर्ष 2003 तक देश के 26 राज्यों में 196 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक खुले जिन्हें बाद में सरकार ने एकीकरण करते हुए आपस में मिलाना शुरू किया और अब मात्र 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक 685 जिलों में 21850 शाखाओं के माध्यम से कार्यरत हैं। जिनमें एक लाख से अधिक अधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे हैं।

ग्रामीण बैंकों का नियंत्रण राष्ट्रीय बैंकों के पास

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का नियंत्रण राष्ट्रीय बैंकों के पास है। यूनियन प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का मालिकाना हक निजी क्षेत्र को सौपना चाहती है। अरेबिया की मांग है कि देश भर की ग्रामीण बैंकों को मिला करके प्रायोजक बैंक मुक्त भारतीय राष्ट्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना की जाए और उसके सभी कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार प्रायोजक बैंक कर्मचारियों के समकक्ष पूर्ण समानता प्रदान की जाए।

बड़ौदा यूपी बैंक इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष आनंद तिवारी व महामंत्री सुरेंद्र पांण्डेय ने बताया कि हड़ताल के दोनों दिन बैंक के अमार्ट स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा जाएगा।

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