कोविड का संक्रमण एक बार फिर चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोपीय देशों में फैलना शुरू हो गया है और लोग संक्रमण की जद में आ रहे हैं। ऐसे में भारत में भी कोविड-19 की चौथी लहर आने की आशंका है। अगर कोरोना की चौथी लहर आती है तो इसके लिए विभाग ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिससे मरीजों को ऑक्सीजन से लेकर बेहतर इलाज मुहैय्या कराया जा सके। शासन के निर्देशानुसार कोविड अस्पतालों में दवाइयों से लेकर वार्ड तक की व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं। इसके साथ ही इसकी रिपोर्ट शासन को भी भेजी जा रही है।
चौथी लहर आई तो बच्चों पर डालेगी असर
अलीगढ़ के मंडलीय नोडल डॉ देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि कोरोना को लेकर एक बार फिर शासन की ओर से एलर्ट जारी कर दिया गया है। अस्पतालों में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और वार्ड दुरुस्त किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि चौथी लहर में इस बात की आशंका सबसे ज्यादा है कि अगर चौथी लहर आएगी तो यह सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर डालेगी। इसलिए आने वाले दिनों में लोगों को सबसे ज्यादा एलर्ट रहने की जरूरत है, क्योंकि जरा सी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि बच्चों को जब भी बाहर भेजे, उन्हें मास्क अवश्य पहनाएं।
जिले में शुरू हुआ मॉकड्रिल का दौर
विदेशों में लगातार फैल रहे संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एलर्ट जारी कर दिया है। वहीं दूसरी ओर मॉकड्रिल करके हर जिले के कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाएं जांची जा रही हैं। अलीगढ़ में दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय, मलखान सिंह जिला अस्पताल, जेएन मेडिकल कालेज को कोविड अस्पताल बनाया गया था। इनके साथ चंडौस, अतरौली, टप्पल व खैर सीएचसी में भी कोविड मरीज रखे गए थे। जिसके बाद यहां विभाग की ओर से मॉकड्रिल करके व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया।
एडी हेल्थ डॉ. एसके उपाध्याय व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरज त्यागी के नेतृत्व में मंडलीय नोडल अधिकारी डॉ देवेंद्र वार्ष्णेय व एसीएमओ डॉ दुर्गेश कुमार की टीम ने अस्पतालों में मॉकड्रिल कराया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिससे कमियों को दूर किया जा सके। इसके साथ ही जिले में बनाए गए सभी ऑक्सीजन प्लांटों को भी परखा जा रहा है, जिससे जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन की बिल्कुल भी कमी न हो।
सीएमओ डॉ नीरज त्यागी ने बताया कि अलीगढ़ में वर्तमान में कोरोना का कोई भी एक्टिव केस नहीं है और जिला कोरोना मुक्त की श्रेणी में शामिल है। अगर कोई व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे एंबुलेंस के जरिए उसके घर से अस्पताल लाया जाएगा और भर्ती किया जाएगा।