कानपुर : बढ़ते तापमान का हमला, फसलो को नुकसान की आशंका

कानपुर। मौसम के बढ़ते पारे ने तीन तरफ से हमला बोल दिया है। इससे आम आदमी और जानवर तो गर्मी से बेहाल हैं ही, फसलों पर भी इसका बुरा असर पड़ने लगा है। जिस तरह से तापमान बढ़ा है, इसका सबसे ज्यादा असर लोगों के स्वास्थ्य और फसलों पर पड़ रहा है।फसलों को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। उत्तर पश्चिम से आ रही गर्म हवा के कारण दिन के तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है।

प्रदेश में अप्रैल महीने में मई जून जैसी भीषण गर्मी पड़ रही है। वहीं मौसम विभाग की मानें तो अभी मौसम में किसी तरह के बदलाव के आसार नहीं है। उत्तर से आ रही गर्म हवाओं के चलते प्रदेश के अधिकांश जिलों में लू के हालात बने हुए हैं। उत्तर पश्चिम से आ रही गर्म हवा से पारा 42 डिग्री के पार पहुंच चुका है। अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्री ज्यादा है। सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि थार मरुस्थल से गर्म हवा तेजी से यूपी में प्रवेश कर रही हैं। डा. पांडेय ने बताया कि लू अभी और तेज होने की आशंका है।फसलो के लिये यह तापमान बेहद नुकसानदेह है। विशेषज्ञों के मुताबिक़ गेहूं पकने के लिए अधिकतम 30 से 34 डिग्री सामान्य तापमान होना चाहिए, जबकि इस समय 39 से ऊपर चल रहा है। रात का तापमान भी सामान्य से 4 डिग्री अधिक है। अप्रैल में पकने वाली फसल के इस तरह मार्च में कमजोर बालियों के साथ पकने से गेहूं की गुणवत्ता और उत्पादन को होने वाले नुकसान से किसान से बेचैन हैं। चावल, गेहूं, दालें और मोटे अनाज की पैदावार पर असर पड़ेगा।

मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस होने पर लू चलती है। लू से शरीर में पानी की कमी होने लगती है। कमजोरी, चक्कर आना, सिरदर्द, उल्टी, मांसपेशियों में ऐंठन व पसीना निकलता है। कई बार हीट स्ट्रोक से तनाव, अकड़न, बुखार, बेहोशी भी हो सकती है। जिला अस्पतालों में भी हीट स्ट्रोक के मामले में पहुंचने लगे हैं।

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