हमारे पुरुष प्रधान समाज में यदि एक महिला के पति की मृत्यु हो जाए तो उसे कमजोर और एकदम असहाय समझने में लोगों को थोड़ा सा ही समय लगता है और ऐसे में महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है जैसे अब उस महिला का जीवन एकदम व्यर्थ है.
समाज की ऐसी ही विकृत सोच का सामना महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली एक महिला संगीता पिंगल को करना पड़ा जिन्होंने वर्ष 2007 में अपने पति को एक सड़क हादसे में खो दिया और पतिंके जाने के बाद एकदम अकेली पड़ गई.
जिस समय संगीता के पति की मृत्यु हुई उस समय वे 9 महीने से गर्भवती थी और उनके पति की मौत के बाद उन्हें गहरा सदमा लगा. लेकिन इससे भी बड़ा संकट उनके जीवन में यह आया कि उनके करीबियों ने ही उन्हें बोझ समझना शुरू कर दिया और उनके सभी रिश्तेदारों ने भी एक-एक कर उनसे दूरी बना ली.
संगीता के पति की मृत्यु के बाद उनके परिवार का भरण पोषण का जिम्मा उनके ससुर ने संभाला और खेती करके परिवार की मुश्किलों को हाल करने का प्रयास किया. लेकिन कुछ समय पश्चात उनके ससुर की भी मृत्यु हो गई और अब संगीता परिवार में अपने दो बच्चों के साथ बिल्कुल अकेली पड़ गई.
संगीता के पास उनके दो बच्चे और पति की 13 एकड़ जमीन के अलावा और कुछ नहीं था. ऐसे में संगीता ने अपने गहने बेचकर खेती करने का फैसला किया. लेकिन संगीता को खेती करने की जरा सी भी जानकारी नहीं थी. ऐसे में उनके भाइयों ने संगीता का साथ दिया और उन्हें खेती की छोटी से छोटी जानकारी देनी शुरू की. संगीता एक पढ़ी-लिखी महिला थी और उन्होंने विज्ञान विषय में अपने पढ़ाई की थी तो उन्होंने अपने भाइयों से मिली खेती की जानकारी और अपनी पढ़ाई का तालमेल बैठाकर अपनी 13 एकड़ जमीन पर खेती करना शुरू किया लेकिन उनके जीवन की समस्या यहां पर भी समाप्त नहीं हुई.
खेती करते समय संगीता के जीवन में कई समस्याएं आई कई बार उनकी फसलों में कीड़े लग जाते थे तो कभी अन्य कारणों से उनकी फसल बर्बाद हो जाती थी. ऐसे में संगीता पूरी तरह से टूट चुकी थी लेकिन उन्होंने ठान रखा था कि यदि उन्होंने यहां से वापस जाने का फैसला किया तो समाज उन्हें पहले से कहीं अधिक ताने देगा.
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए संगीता ने खेती जारी रखी और धीरे-धीरे खेती में इतनी कुशल हो गई कि उन्होंने ट्रैक्टर चलाने से लेकर खेती के सभी चीजों में महारत हासिल कर ली और आज वे अपनी 13 एकड़ जमीन में अंगूर और टमाटर की खेती करती है. जिससे उन्हें प्रत्येक वर्ष 30 लाख से भी अधिक का मुनाफा होता है.
संगीता बताती है कि उनका यह सफर उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं था लेकिन उन्होंने जीवन में आए सभी चुनौतियों का सामना किया और इसी कारण आज वे इस मुकाम पर है. संगीता बताती है कि फिलहाल वे अपनी फसलों को बाहर विदेशों में एक्सपोर्ट करने की तैयारी में है और यदि वे ऐसा कर पाती है तो यह उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी.