कोड़ियों को बेच देते थे करोड़ों का माल,पांच दबोचे

भास्कर समाचार सेवा

मेरठ। मोबाइल टावरों से उपकरण चुराने वाले गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चोरों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में करोड़ों के उपकरणों को बरामद किया है। गिरोह के सदस्यों ने परतापुर, मेडिकल, किठौर, भावनपुर एवं गाजियाबाद व मुजफ्फरनगर आदि में चोरी की है। पुलिस लाइन स्थित सभागार में प्रेसवार्ता के दौरान एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया, थाना परतापुर पुलिस व सर्विलांस टीम की संयुक्त कार्रवाई में परतापुर फ्लाई ओवर के पास से आजाद, शौएब, जहीर को गिरफ्तार किया गया। जिनके पास से मोबाइल टावरों से चोरी किए गए कुछ उपकरण बरामद हुए, जिनको बेचने के लिए तीनों कबाड़ी मेहताब व शहजाद के पास जा रहे थे। इनकी निशानदेही पर कबाड़ी मेहताब और शहजाद को भी गिरफ्तार किया गया। कबाड़ियों के घरों से पुलिस ने मोबाइल टावरों के उपकरणों को बरामद किया। जिनकी कीमत करोड़ों में है। बताया, अभियुक्तगण शातिर किस्म के चोर है, जिनका अंर्तजनपदीय गिरोह है, इनमें से जहीर पूर्व में जनपद नोएडा से टावर चोरी में जेल जा चुका है। जहीर एवं आजाद मोबाइल टावर इन्स्टांलेशन का कार्य कर चुके है, जिससे इन्हें इन उपकरणों की अच्छी जानकारी है। ये लोग टावरों से इनके विभिन्न उपकरण चुरा लिया करते थे, प्रत्येक पीस की कीमत लाखों में होती है। उनको कटवाकर उनके विभिन्न पार्ट्स तांबा व कापर वायर आदि बेचकर अवैध धन अर्जित करते है। आस-पास के जिलों में फैला था जाल एसपी सिटी ने बताया, पूछताछ में अभियुक्तगण द्वारा बताया गया कि हम लोग सालों से टावरों से चोरी करते है, हम लोगों ने थाना परतापुर, मेडिकल, किठौर, भावनपुर क्षेत्रों के अलावा गाजियाबाद व मुजफ्फरनगर के कई मोबाइल टावरों से चोरी की है। एक करोड़ का सामान 180 रुपये में बेच देते थे अभियुक्तगण जहीर, आजाद, शोएब, आशु विभिन्न कम्पनियों के मोबाइल टावरों से उनके उपकरण चोरी करते है। कबाड़ी महताब व शहजाद निवासी मेरठ एवं कबाडी इंतजार निवासी लोनी बोर्डर को 180 रुपये किलो में बेच देते हैं। इसके बाद कबाडी महताब व इंतजार थोक में इनको 300 रुपये रुपये किलो में बेच देते है। कबाड़ी शहजाद का बहुत बड़ा थोक का काम है, जो इनको 1000 रुपये किलो में एवं इनके पार्ट और मेटल, तांबा, एल्युमिनियम, प्लास्टिक एवं कुछ प्लेटों में पीली धातु की पॉलिस होती है, जो महंगे दामों में गलाने का काम करने वाले उतार ले जाते है। इस प्रकार शहजाद ने 15 किलो का आरआरएच 4500 रुपये में खरीदा और उसे 15000 रुपये में बेच दिया। बरामद उपकरणो की संख्या सैकड़ों में है, एक उपकरण पर इनको लगभग दस हजार रुपये का लाभ हो जाता है। ये कहना है कंपनियों के मालिकों का जियो कम्पनी के मैनेजर ने अपनी कम्पनी के सामान की कीमत लगभग एक करोड रुपये बतायी है। इससे अधिक सामान वोडाफोन और एयरटेल कम्पनी का है, जिनके नये पार्ट का कुल मुल्य लगभग 2.5 करोड रुपये होगा।

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