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सोनौली, महराजगंजl इस वर्ष हिमालय की 21 पहाड़ियों की श्रृंखला पर चढ़ाई के लिए 70 देशों के 738 लोगों को मौका मिलेगा। इनमें 55 भारतीय नागरिक शामिल हैं। पर्यटन विभाग ने इन्हें चढ़ाई करने की इजाजत दे दी है। विभाग के अनुसार अब तक 90 समूहों में 738 लोगों ने 21 पहाड़ों पर चढ़ने की अनुमति ली है। इस साल ज्यादातर लोगों ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की अनुमति के लिए आवेदन किया है। अब तक इनमें से 262 लोगों को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने की अनुमति दी गई है।
जानकारी के अनुसार एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए सर्वाधिक अमेरिकी नागरिकों ने अनुमति मांगी थी। अब तक 117 अमेरिकी नागरिकों को पहाड़ पर चढ़ाई की इजाजत मिल चुकी है। इसी तरह यूके से 74, नेपाल से 55, भारत से 55, फ्रांस से 50, कनाडा से 28, रूस से 25, ऑस्ट्रेलिया से 24, ईरान से 18, जापान से 18, आयरलैंड से 12, आयरलैंड से 14, नीदरलैंड से 14, नॉर्वे से 12, दक्षिण कोरिया से 14 रोमानिया से 11 और यूक्रेन से 1 नागरिक को इस साल पहाड़ पर चढ़ने की अनुमति मिली है । अंडोरा, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, बुल्गारिया, चिली, चीन, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, इक्वाडोर, मिस्र, अल साल्वाडोर, फिनलैंड, जॉर्जिया, जर्मनी, ग्रीस, होंडुरास, हांगकांग, इराक, कजाकिस्तान, केन्या, लिथुआनिया, मलेशिया, मैक्सिको, मंगोलिया, मोरक्को, न्यूजीलैंड, न्यूजीलैंड, ओमान, पाकिस्तान, पेरू, पोलैंड, पुर्तगाल, कतर, कोसोवो, मैसेडोनिया, रोमानिया, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्लोवाकिया, दक्षिण अफ्रीका, के नागरिक स्वीडन, स्विटजरलैंड , ताइवान , थाईलैंड , उरुग्वे और वियतनाम के लोगों ने भी पर्वतारोहण के लिए आवेदन किया है।
बताते चलें कि कोविड काल से ही माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई आम नागरिकों के लिए बंद थी। इसके साथ हिमालय एरिया के पदमार्ग भी बंद थे, जिससे नेपाल सरकार को सर्वाधिक राजस्व मिलता है। अब सीमा का स्थल मार्ग खुलने के बाद नेपाल पर्यटन में बूम आ रही है और पर्वतारोहण की भी अनुमति मिल रही हैl