
लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा ने रविवार को कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया। केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी जेल भेज दिया गया है। 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आशीष की जमानत रद्द करते हुए उसे एक सप्ताह में सरेंडर के लिए कहा था। आशीष ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए समय से एक दिन पहले रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर किया है।
एक दिन पहले क्यों किया सरेंडर
किसान पक्ष के वकील ने बताया कि वर्किंग डे की भीड़ से बचने के लिए छुट्टी का दिन चुना जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। एक दिन या एक दिन बाद सरेंडर करने से केस पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। 26 अप्रैल को जिला अदालत में आरोप तय होने हैं।व किसान पक्ष के वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस ग्राउंड पर जमानत रद्द कर दी थी कि हाईकोर्ट ने जल्दबाजी में जमानत दे दी है। साथ ही, यह भी कहा था एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने के बाद आशीष मिश्रा इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दोबारा से जमानत के लिए अप्लीकेशन दे सकते हैं।
हाईकोर्ट ने इस बात पर दी थी जमानत
इस हाई प्रोफाइल केस में हाईकोर्ट ने जमानत का फैसला कैसे दिया, यह किसी के गले नहीं उतर रहा था। वकील की दलील के बाद हाईकोर्ट ने कहा था, ‘अभियोजन की दलीलें मान भी लें तो स्पष्ट है कि घटनास्थल पर हजारों प्रदर्शनकारी थे। ऐसे में संभव है कि ड्राइवर ने बचने के लिए गाड़ी भगाई और यह घटना हो गई’। बहस के दौरान कहा गया कि SIT ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पेश कर सकी जिससे साबित हो कि गाड़ी चढ़ाने के लिए उकसाया गया।
आशीष मिश्रा की जानिए कब हुई जमानत
10 फरवरी को हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत आदेश पर फैसला उनके पक्ष में सुनाया।
11 फरवरी को जमानत आदेश में गलती होने पर अदालत में करेक्शन एप्लीकेशन डाली गई।
14 फरवरी को जमानत का आदेश आया।
15 फरवरी को आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की रिहाई हो गई।
दो महीने के बाद बदल गया सीन
10 मार्च को तिकुनिया हिंसा के गवाह दिलजोत सिंह पर हमला हुआ।
10 मार्च को ही तिकुनिया थाने में दिलजोत सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई।
अप्रैल महीने में रामपुर में हरदीप सिंह पर हमला हुआ।
सुप्रीम कोर्ट में वकील ने गवाहों पर हमले के मामले को उठाया।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से रिपोर्ट तलब की थी और सभी गवाहों को सुरक्षा देने का निर्देश दिया था।
10 फरवरी को आशीष मिश्रा की जमानत, 129 दिनों बाद जेल से रहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी। आशीष 15 फरवरी को 129 दिनों बाद जेल से रिहा हुआ था। बता दें कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को किसान-आंदोलन के दौरान ही बवाल हुआ था। तीन गाड़ियां प्रदर्शन कर रहे लोगों को कुचलते हुए चली गई थीं। घटना में चार किसानों सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। गाड़ी से कुचलकर मारे गए किसानों के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
लखीमपुर का जाने मामला
लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर 2021 की दोपहर करीब तीन बजे काफी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक से तीन गाड़ियां (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) किसानों को रौंदते चली गईं। घटना से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई। इसमें 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे।
यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में UP के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई। घटना के बाद उप मुख्यमंत्री ने अपना दौरा रद्द कर दिया था।