कानपुर : जीएसटी के लिए जागरूकता लाये ‘केंद्र सरकार’

– कैट की बैठक में जीएसटी को सरल व तर्कसंगत बनाने की मांग उठी 
सचिन त्रिपाठी
कानपुर ।
कानपुर ।कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)चैप्टर कानपुर की बैठक कैट मुख्य कार्यालय नयागंज में हुई जिसमे कहा गया कि वर्ष 2018 के जाते हुए देश भर के व्यापारियों को उम्मीद है की वर्ष 2019 में जीएससटी को और अधिक सरल एवं तर्कसंगत कर प्रणाली के रूप में विकसित किया जाएगा । और यदि केंद्र एवं राज्य सरकारें जीएसटी से समन्धित व्यापारियों की समस्याओं को सुलझाने पर केंद्रित होती हैं तो निश्चित रूप से जीएसटी एक व्यापारी मित्र कर प्रणाली के रूप में साबित हो सकती है । यह और भी अच्छा होगा यदि जीएसटी को ज्यादा से ज्यादा अपनाने के लिए सरकार व्यापारियों को जीएसटी कर में छूट का लाभ दे ।
बैठक में कैट के प्रदेश महामंत्री पंकज अरोरा ने वर्ष 2018 को जीएसटी व्यापारियों के लिए संतोषजनक बताते हुए कहा की हालांकि वर्ष भर जीएसटी को लेकर व्यापारियों को अनेक परेशनियों को भी झेलना पड़ा है जिसमें मुख्य रूप से जीएसटी पोर्टल का सुचारू रूप से काम न करना, विभिन्न कर दरों में डाली गई वस्तुओं में विसंगतियां , कर प्रणाली की जटिल प्रक्रिया, विभाग से व्यापारियों का रिफंड न मिलना, रिटर्न फॉर्म की जटिलताएं आदि समस्याएं हैं जिनको अभी ठीक होना जरूरी है । जीएसटी एक मायने में व्यापारियों के लिए बेहतर कर प्रणाली सिद्द हुई है क्योंकि अब व्यापारियों को अनेक प्रकार के कर की जगह केवल एक ही कर का पालन करना होती है एवं विभिन्न करों की कागज़ी कार्यवाही के झंझट से भी मुक्ति मिल गई है वहां दूसरी ओर अनेक करों के इंस्पेक्टरों के मकड़ जाल से भी व्यापारी अब मुक्त हो गया है ।
किन्तु अभी भी देश भर 7 करोड़ व्यापारियों में से केवल 35 प्रतिशत के पास ही कम्यूटर है जबकि बाकी बचे व्यापारियों के सामने जीएसटी कर प्रणाली की समय पर पालना एक चुनौती है । इसके साथ ही जीएसटी के कानून एवं नियमों के बारे में अभी भी देश हर में व्यापारियों के एक बड़े तबके को कोई जानकारी नहीं है जिसके कारण स्वत :कर पालना अभी भी एक बड़ी चुनौती है । उन्होंने यह भी कहा की देश में प्रत्येक जिला स्तर पर व्यापारियों और अधिकारियों के एक संयुक्त जीएसटी कमेटी का गठन किया जाए एवं व्यापारियों को कंप्यूटर से जोड़ने के लिए सरकार सब्सिडी दे !
बैठक में कैट के जिला अध्यक्ष अशोक बाजपेयी ने उम्मीद जताई की प्रस्तावित नए जीएसटी रिटर्न फॉर्म को अपेक्षाकृत अधिक सरल बनाया जाएगा जिससे एक आम व्यापारी भी अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स अधिवक्ता पर निर्भर न रहकर खुद ही रिटर्न समय पर भर दे और रिटर्न हर महीने की जगह तिमाही हो जाए ! जीएसटी से निश्चित रूप से बड़ी संख्यां में लोग इनफॉर्मल सिस्टम से फॉर्मल इकॉनमी में आएं है और यदि जीएसटी को और अधिक सरल बनाया जाया है तो बड़ी संख्यां में लोग फॉर्मल इकॉनमी में आएंगे जिससे सरकार का टैक्स बेस तो बढ़ेगा ही वहीँ राजस्व में भी वृद्धि होगी ।
बैठक में प्रदेश संगठन मंत्री जितेंद्र तिवारी और जिला महामंत्री उमाशंकर चौरसिया, अजीत ओमर ने भी अपने विचार व्यक्त किये । मुख्य रूप से संतोष दीक्षित , प्रमोद शर्मा  प्रकाश तिवारी मणीन्द्र सोनी राजेश सिंघानिया आदि उपस्थित रहे ।