2022 में पर्सनल फाइनैंस निवेश पर नजर रखे जाने की जरूरत

भास्कर समाचार सेवा

नई दिल्ली। भारत में ज्यादातर लोग ‘पर्सनल फाइनैंस’ से पूरी तरह अवगत नहीं हैं, लेकिन पुराने समय में हम इस अवधारणा को ‘सेविंग्स’ के तौर पर जानते थे, जो किसी भी रूप में हो सकती थी। सेविंग हर व्यक्ति के लिए उसकी जरूरत के हिसाब से अलग अलग होती है। पर्सनल फाइनैंस भविश्य की सुरक्षा, वर्तमान में स्थायित्व, अतीत से अलग हटकर बेहतरी के लिए जरूरी है। पर्सनल फाइनैंस एक ऐसा शब्द है जो,
ऽ आपकी पूंजी के प्रबंधन के साथ साथ बचत एवं निवेष से संबंधित है
ऽ इसमें बजटिंग, बैंकिंग, निवेष, रिटायरमेंट, प्लानिंग, और कर नियोजन षामिल हैं
ऽ इससे नकदी प्रवाह बढ़ाने में मदद मिलती है
ऽ गैर प्रबंधन योग्य कर्ज को दूर रखता है
ऽ परिसंपत्तियां बढ़ाने में मददगार है
बदलती दुनिया में लोग पर्सनल फाइनैंस की नई अवधारणाएं और स्वरूपों को सीख रहे हैं। हमारे दादा दादी की सोच भूमि में निवेष से जुड़ी हुई थी, जिसके बाद अगली पीढ़ी ने सोने में निवेष पर जोर दिया और हमारे माता-पिता ने कैष और बैंक में फंड जमा करना सीखा है। अब नई पीढ़ी इक्विटी, म्युचुअल फंड, क्रिप्टो करेंसी जैसे नए विकल्पों को अपना रही है और पर्सनल फाइनैंस के लिए वित्तीय जागरूकता ने इन बदलावों को काफी हद तक आसान एवं संभव बना दिया है।
वर्श 2020 कोविड-19 की वजह से पूरी दुनिया में कई कठिन चुनौतियां लेकर आया और इस वजह से डिजिटल वल्र्ड के नए युग की षुरुआत को बढ़ावा मिला। पर्सनल फाइनैंस का दायरा पारंपरिक दुनिया से अब तेजी से डिजिटल प्लेटफाॅर्मों की ओर बढ़ा है। बड़ी तादाद में लोग गोल्ड बाॅन्ड, डिजिटल बैंकिंग सेवाओं, इक्विटी और म्युचुअल पफंड निवेष, एसआईपी जैसे नए डिजिटल वित विकल्पों का इस्तेमाल सीख रहे हैं।
आइए, अब हम वर्श 2022 में नजर रखने के लिहाज से कुछ खास पर्सनल फाइनैंस योजनाओं पर चर्चा करते हैंः

  1. साॅवरिन गोल्ड बाॅन्ड
    चूंकि प्राचीन समय में भारतीय लोगों में आगामी उद्देष्यों के लिए सोने में निवेष की दिलचस्पी रहती थी। सोने में पारंपरिक तौर पर निवेष बनाए रखना सभी के लिए काफी जोखिमपूर्ण रहता है। इसलिए भारत सरकार ने नवंबर 2015 में गोल्ड बाॅन्ड पेष कर डिजिटल क्षेत्र में एक नया कदम उठाया है।
    साॅवरिन गोल्ड बाॅन्ड स्कीम ऐसी सरकारी प्रतिभूतियां हैं जिनकी गणना सोने के ग्राम के तौर पर की जाती है। ये होल्डिंग फिजीकल गोल्ड के लिए विकल्प हैं, पारंपरिक सोने के लिए मांग में कमी लाती हैं, और घरेलू बचत के हिस्से को वित्तीय बचत में तब्दील करती हैं। व्यक्ति और एचयूएफ किसी एक वित वर्श में 1 ग्राम और 4 किलोग्राम के बीच की मात्रा में इन्हें खरीद सकते हैं।

निवेषकों को निर्गम कीमत नकदी में चुकाने और बाॅन्डों को परिपक्वता के समय नकदी में भुनाने की जरूरत होगी। गोल्ड बाॅन्ड दीर्घावधि निवेष के लिए अच्छा विकल्प हैं। गोल्ड बाॅन्ड के लाभ हैंः

  • पूंजी वृद्धि और हर साल ब्याज वृद्धि
  • जोखिम से बचाव और पारंपरिक सोने के रखने की लागत एवं चिंता से मुक्ति
  • पूंजीगत लाभ कर से छूट, यदि बाॅन्डों को परिपक्वता तक रखा जाए।
    हालांकि सरकार ने वर्श 2015 में साॅवरिन गोल्ड बाॅन्डों को पेष किया था, लेकिन निवेष और अच्छे प्रतिफल के लिए आम लोगों के बीच महामारी के बाद इस विकल्प की लोकप्रियता बढ़ी है।
  1. नियो बैंक (डिजिटल बैंक)
    नियो बैंक ऐसे वित्तीय संस्थान हैं, जो नियमित बैंकों के साथ साथ मोबाइल ऐप या वेबसाइट जैसे डिजिटल प्लेटफाॅर्मों पर परिचालन करते हैं। नियो बैंक वर्चुअल नेटवर्कों के जरिये कार्य करते हैं। इस तरह के बैंक ग्राहकों या उपयोगकर्ताओं को व्यक्तिगत या सुरक्षित बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने के लिए पूरी तरह से आर्टीफिषियल इंटेलीजेंस और टेक्नोलाॅजीज पर आधारित होते हैं। भारत में नियो बैंकों का यूएसबी है

ऽ उपयोगकर्ता अनुकूल और आसान बैंकिंग ऐप
ऽ लागत किफायती और पारंपरिक बैंक के विकल्प
ऽ 365 दिन, चैबीसों घंटे ग्राहक सहायता में सक्षम
ऽ हाई सिक्युरिटी फीचर
ऽ पारदर्षी और स्पश्ट संरचना

नियो बैंक की अवधारणा भारत में नई है, लेकिन इस अवधारणा का भविश्य काफी आषाजनक दिख रहा है क्योंकि युवा और विभिन्न इकाइयां अपने पारंपरिक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले वर्चुअल बैंकिंग सेवाओं को अपनाने पर ज्यादा जोर दे रही हैं।

डिजिटल बैंकों की अवधारणा भारत में वर्श 2013 के आसपास षुरू हुई थी, लेकिन 2018 भारत में वर्चुअल बैंकिंग के फलने-फूलने के संदर्भ में महत्वपूर्ण वर्श था।

स्मार्टफोन की पैठ 2021 में बढ़कर 60.63 प्रतिषत पर पहुंच गई, जो 2019 से 14.26 प्रतिषत की वृद्धि है। यह अंतर कोविड-19 महामारी की वजह से दर्ज किया गया है। पूरे देष में स्मार्टफोन के इस्तेमाल में वृद्धि से नियो बैंकों के इस्तेमाल में इजाफा हुआ है। सभी उम्र वर्ग से जुड़े लोगों में तकनीकी जानकारी बढ़ रही है और उनमें नियो बैंकों द्वारा वित्तीय सेवाओं का चलन तेज हो रहा है।

  1. बाय नाउ पे लैटर (बीएनपीएल)
    कोविड-19 महामारी ने आम जनता से खरीदारी क्षमता कमजोर की है। ये लोग अपनी जरूरतों के अनुसार ही चीजें खरीदना षुरू कर रहे हैं। बाजार में बाय नाउ पे लैटर (बीएनपीएल) का विकल्प उपलब्ध है।

बीएनपीएल एक तरह की षाॅर्ट-टर्म फाइनैंसिंग है, जिससे ग्राहक को अपनी खरीदारी के लिए भविश्य में ब्याज-मुक्त भुगतान करने की अनुमति मिलती है। यह व्यवस्था ‘पाॅइंट आॅफ सेल इंस्टाॅलमेंट लोन’ के नाम से लोकप्रिय भुगतान विकल्प के तौर पर चर्चित हो रही है। बीएनपीएल के लाभ हैंः

  • खरीदारी के भुगतान के लिए सुविधाजनक और अनुषासित तरीका
  • क्रेडिट कार्ड के मुकाबले ब्याज की कम दर
  • पात्रता के लिए हाई क्रेडिट स्कोर जरूरी नहीं
  • इंस्टाॅलमेंट के लिए तेज मंजूरी

कोविड महामारी की अवधि में, यह विकल्प आम लोगों के लिए जिंदगी में सुधार के संदर्भ में वरदान साबित हुआ है।ये सभी पर्सनल फाइनैंस विकल्प बेहद उपयोगी और आम लोगों द्वारा आसानी से अपनाए जाने योग्य हैं। आजकल, सभी उम्र वर्गों के लोग डिजिटल प्लेटफाॅर्मों की ओर रुख कर रहे हैं, डिजिटल युग में नई अवधारणाओं का विकास अभी षुरू हो रहा है। भारत में डिजिटल पर्सनल फाइनैंस सोलुशन का सफर अभी थोड़ा लंबा होगा।

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