विवाह में दूल्हा-दुल्हन को क्यों लगाई जाती है हल्दी, जानिए इसके पीछे का कारण

शादी का बंधन बहुत ही पवित्र माना जाता है। विवाह के बंधन में बंध कर दो लोग जीवन भर के लिए एक-दूजे के हो जाते हैं। जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं शादी में कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं जो इसे बहुत खास बनाती हैं। जिस घर में शादी होती है, वहां पर कई रस्में महीनों पहले से ही शुरू हो जाती हैं। यह रीति-रिवाज सदियों से चले आ रहे हैं, जिनके पीछे कोई ना कोई वजह जरुर होती है। अगर आप इनके पीछे की वजह जानेंगे तो हैरत में पड़ जाएंगे।
जैसा कि हम लोग जानते हैं शादी के मेन रस्म में हल्दी, मेहंदी का नाम लिया जाता है। लेकिन क्या आप लोगों को इसके पीछे की वजह पता है कि आखिर इन्हें क्यों फॉलो किया जाता है? अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताने वाले हैं। आज हम कुछ ऐसे रोचक तथ्य जानेंगे जो शादी के रीति रिवाज से जुड़े हुए हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में…

शादी में क्यों चढ़ाई जाती है हल्दी?

वैसे देखा जाए तो हल्दी एक मसाला है लेकिन इसका उपयोग कई जगह पर किया जाता है। हिंदू धर्म में विवाह से पहले दूल्हा-दुल्हन को हल्दी लगाई जाती है और इसके लिए बकायदा रस्म होती है। शादी की खास रस्म में से एक हल्दी सेरेमनी के दौरान दूल्हा और दुल्हन को हल्दी का लेप लगाया जाता है। अगर हम बड़े बुजुर्गों की मानें तो ऐसा करने से जोड़े के चेहरे पर प्राकृतिक रूप से चमक लाने में सहायता प्राप्त होती है।

इतना ही नहीं बल्कि इस रस्म के पीछे वैज्ञानिक कारण भी बताया गया है। हल्दी में औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से यह एक बेहतरीन जड़ी-बूटी माना जाता है। ऐसे में हल्दी की रस्म से शरीर को कई फायदे भी प्राप्त होते हैं। हल्दी का लेप लगाने से त्वचा में बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। हल्दी के पेस्ट को आमतौर पर तेल के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। इसलिए यह त्वचा को मॉइस्चराइज करने में भी सहायता करता है।

शादी में क्यों लगाई जाती है मेहंदी?

शादी पर दूल्हा-दुल्हन दोनों को ही मेहंदी लगाते हैं। आप सभी लोगों ने भारतीय दुल्हनों के हाथों और पैरों पर मेहंदी लगते हुए भी देखी होगी। इसके बिना दुल्हन के श्रृंगार को अधूरा माना जाता है। वहीं दूल्हे के हाथों पर भी मेहंदी लगाई जाती है। आपको बता दें कि मेहंदी में मजबूत सूदिंग के साथ-साथ एंटीसेप्टिक गुण भी मौजूद होते हैं। मेहंदी ठंडी होती है, जिसके प्रभाव से कपल को तनाव, सिरदर्द और यहां तक कि बुखार से भी राहत दिलाने में मदद करता है। इतना ही नहीं बल्कि नाखूनों की ग्रोथ के लिए भी यह फायदेमंद माना जाता है।

मांग क्यों भरी जाती है?

जब कोई महिला विवाह के बंधन में बंध जाती है, तो उसके बाद कई प्रकार के बदलाव उसमें देखने को मिलते हैं। ऐसे में श्रृंगार करने का तरीका भी पूरी तरह से बदल जाता है। विवाह के खास मौके पर दूल्हा अपनी दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है। लेकिन ऐसा क्यों होता है? क्या आप लोगों ने कभी सोचा है।

आपको बता दें कि सिंदूर के कुछ बेहतरीन स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। सिंदूर में हल्दी, चूना और थोड़ा पारा होता है। जब इसे दुल्हन के बालों पर लगाया जाता है, तो पारा शरीर को ठंडा करने में मदद करता है और उसे आराम का एहसास कराता है। यह उनके बीच एक यौन ड्राइवर को भी ट्रिगर करता है।

बिछिया पहनना

आप सभी लोग यह अच्छी तरह से जानते हैं कि हिंदू दुल्हनों के लिए अपने पैर के अंगूठे में बिछिया पहनना बहुत ही आवश्यक माना जाता है। दरअसल, अंगूठे में एक विशेष नस होती है, जो गर्भाशय से गुजरते समय दिल से जुड़ती है। पैर की उंगली की बिछिया गर्भाशय को मजबूत बनाती है और मासिक धर्म चक्र को कंट्रोल करती है। यही वजह है जिससे दुल्हनों के लिए अपने पैर के अंगूठे में बिछिया पहनना जरूरी होता है।

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