
मुजफ्फरनगर । बुढापे का जीवन एक बड़ी चुनौती का मोड़ होता है, इस मोड में कोई बिखर जाता तो कोई सवर जाता है। हम बात करते है 84 साल के बुजुर्ग चेतनलाल की जो अपने ही कमाई के हिस्से को बचाने के खातिर उन्हें दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही हैं। किस्सा कुछ ऐसा है कि मानों आप भी सुनकर रो पड़ेगे। इस बुढ़ापे में चेतनलाल अपने भतीजों से घर के एक हिस्से को खाली कराने को लेकर भटक रहे बुजुर्ग की आप बीती सुन पुलिस कर्मियों की संवेदनाएं भी फूट पड़ी। अपनी परेशानी का किस्सा सुनाते हुए उनकी आंखों से इस कदर आंसु छलक रहे थे मानों इस दुनिया में उनका कोई हैं ही नहीं।
एक घर के खातिर बुजुर्ग इस कदर क्यों है परेशान
आपको बता दें कि जिस घर के टुकड़े को रो-रोकर बनाया और कई परेशानियों को झेल कर उसे संजोए रखा उस पर अब अवैध कब्जा का मामला नजर आने लगा है। इस मामले में बुजुर्ग पर यह आरोप लगा है कि उसके अपने ही भतीजोंं ने उसके पुश्तैनी घर के एक हिस्से पर कब्जा जमा लिया है। बताया जा रहा है कि सिविल लाइंस पाश इलाके में 50 गज का जो मकान है वो चेतनलाल के हिस्से में ही आता है। वहीं एक गज की कीमत 3 लाख से ऊपर की बात सामने आ रही है। लेकिन जो बुजुर्ग के हिस्से में है वह कौड़ियों के दाम भी नहीं बिक सकता है। यहीं नहीं बल्कि फ्रंट कब्जा कर बुजुर्ग को घर के कोने में एक छोटी सी जगह दे दी गई है, जिसमें किसी तरह बुजुर्ग अपना जुगर-बसर करता है।
स्वर्गवासी पत्तनी के बाद अकेला पड़ गया बुजुर्ग
जिंदगी की हर परेशानियों का सामना करने वाले इस बुजुर्ग चेतनलाल के पड़ौसी ही उनकी जिंदगी का एक सच्चा चश्मदीत गवाह हैं। जिन्होंने उनकी आनबान और शान देखी है। दुख की बात तो ये है कि बुजुर्ग की पत्नी की मौत होने के बाद से चेतनलाल का दुनिया में कोई भी नहीं रहा, वो बिलकुल अकेले पड़ गया। हालांकि कि बेटी को बेटे की तरह पाला लेकिन दुनिया की रीत को आज तक कौन बदल सका हैं, बेटी तो ससुराल जाकर पराई हो गई। एक भतीजे ही थे जिनके सहारे जिंदगी गुजारने का मन बनाया तो था, लेकिन उनसब ने ऐसा धोखा दिया जिसका दर्द बुजुर्ग की आंखों से आज भी छलकता है।
अपने हुए पराए
बता दें चेतनलाल का कहना है कि उन्होंने अपने भतीजों को बिलकुल अपने बेटों की तरह पाला-पोसा, लेकिन कभी ऐसा नहीं सोचा था कि एक दिन यहीं पालने का नतीजा गलत हो जाएगा। यहीं पराए हो जाएंगे। वो ये कहते हैं कि अगर ये एक बार प्यार से ये घर मांग लेते तो वह जरुर दे देते, क्योंकि उनका दुनिया में है ही कौन ? फिलहाल बुजुर्ग चेतनलाल ने चाहे कुछ भी हो जाए अपने हक की लड़ाई लड़ने की ठानी है।
पुलिस कार्रवाई में फंसा कानून का पेंच
वहीं थाना सिविल लाइन के एसएसआइ राकेश शर्मा का कहना है कि बुजुर्ग की तहरीर पर जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि जिस मकान की हिस्सेदारी पर छिनने का आरोप बुजुर्ग ने लगाया है, उसका मामला सिविल कोर्ट में भी विचाराधीन पर चल रहा है। इसी के चलते मकान मामले में पुलिस अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है। वहीं बुजुर्ग ने ये भी आरोप लगाया है कि उसके साथ ज्यादती और मारपीट की गई है, जिसे लेकर पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। जिसके पश्चात कड़ी कार्रवाई की जाएगी।