वाशिंगटन (ईएमएस)। सूर्य की सतह पर लगातार हलचल देखी जा रही है, जिसके चलते पिछले दिनों कई सौर लहरें भयानक विस्फोट के बाद सूर्य से बाहर निकलीं। इनसे कई बार धरती के लिए ब्लैकआउट का खतरा भी पैदा हो गया। 30 अप्रैल को एक सक्रिय सनस्पॉट एआर 2994 से एक और शक्तिशाली सोलर फ्लेयर विस्फोट के बाद बाहर निकली।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने इस सोलर फ्लेयर का अद्भुत वीडियो जारी किया है। इस सौर लहर को एक्स 1.1-श्रेणी की लहर कहा जा रहा है। एक्स श्रेणी की लहरें सबसे तीव्र और विशालकाय होती हैं और इसके साथ का नंबर सौर लहर की शक्ति को दर्शाता है। सौर लहरों को उनकी तीव्रता के आधार पर पांच श्रेणियों में बांटा जाता है-ए, बी, सी, सी और एक्स. इस लिहाज से एक्स श्रेणी की लहरें सबसे शक्तिशाली और एम श्रेणी की लहरें दूसरी सबसे शक्तिशाली होती हैं।
सूर्य पर विस्फोट के दौरान बाहर निकलने वाले शक्तिशाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को सोलर फ्लेयर या सौर लहरें कहा जाता है। नासा के मुताबिक सौर लहरें कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक लंबी हो सकती हैं। सूर्य से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एनर्जी बेहद तेज रफ्तार से आगे बढ़ती है। पृथ्वी की ओर आगे बढ़ने पर यह सूर्य की तरफ वाले पृथ्वी के हिस्से को प्रभावित कर सकती है।
नेशनल ओशेनिक एंड एटमास्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक हालिया एक्स1.1 श्रेणी की सोलर फ्लेयर भारतीय समयानुसार शनिवार शाम 7:07 बजे निकली और 10 मिनट के अंदर ही यह अपने पीक पर पहुंच गई। सूर्य पर यह विस्फोट 2022 के पहले आंशिक सूर्य ग्रहण से ठीक पहले हुआ। सनस्पॉट के सूर्य के उत्तर-पश्चिमी हिस्से के पीछे छिपने के बावजूद, विस्फोट से पर्याप्त रेडिएशन निकला है जो मध्य-अटलांटिक महासागर और यूरोप के अधिकांश हिस्सों में एक मजबूत शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट को अंजाम दे सकता है। वेबसाइट के अनुसार टोनी फिलिप्स ने कहा कि चूंकि यह सौर लहर ऐसे सनस्पॉट से निकली है जो सूर्य के पीछे छिपा हुआ है, इसलिए इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना कम है।