सुल्तानपुर। धरती की सूखती कोख को हरा-भरा करने और व्यापक स्तर पर जल संरक्षण के लिए बरसात के पहले अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों की खुदाई का काम शुरू हो गया है। जिले में जल संरक्षण के लिए अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के जीर्णोद्धार और निर्माण का काम जिले की 62 ग्राम सभाओं में शुरू हो गया है। इस काम में करीब 40 हजार मनरेगा श्रमिक तालाब खोदाई का काम कर रहे हैं। यानी कि जिले के 40 हजार मनरेगा मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। यह कहना है जिले के मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स का। वत्स ने कहा कि अमृत सरोवर योजना से वातावरण साफ-सुथरा और सुंदर रहने के अलावा जल स्तर बढ़ेगा और पानी की कमी दूर होगी।
तालाबों की खुदाई में लगे मनरेगा मजदूर
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना का शुभारंभ जिले में हो गया है। सीडीओ अतुल वत्स के नेतृत्व एवं उनकी अगुवाई में जिले की करीब सभी ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों को चिन्हित करके खुदाई का कार्य शुरू हो गया है। मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने कहा कि तालाबो की खुदाई से तीन तरह के लाभ तत्काल होंगे। उन्होंने बताया कि एक तो वातावरण साफ, सुंदर और स्वच्छ होगा, दूसरा यह कि धरती की सूखती कोख हरी-भरी होगी और महत्वपूर्ण यह है कि जिले के करीब 40 हजार की संख्या में मनरेगा मजदूरों को रोजगार मिल रहा है।
एक साथ 40 हजार मनरेगा मजदूरों को रोजगार देने वाला पहला जिला सुलतानपुर
सीडीओ अतुल वत्स ने दैनिक ‘भास्कर’ से बात करते हुए बताया कि इन सारे कार्यों की योजना तीन फेज में है। अमृत सरोवर योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर 72 और क्षेत्र पंचायत स्तर पर 20 तालाबो को बनाने के लिए चिन्हित कर लिया गया है। जिसमें से 62 तालाबों के निर्माण का काम चालू है। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जल संरक्षण कार्य को सामाजिक तथा धार्मिक संस्कारों से जोड़ने, भूजल दोहन अनियंत्रित और असंतुलित ढंग से न हो, तालाबों और अन्य जल संसाधनों पर समाज का सामूहिक अधिकार हो, जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाने का हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और जल संवर्धन के लिए जन जागरूकता अभियान को नागरिक मुहिम (जनांदोलन) के रूप में चलाया जाएगा। जिसमें प्रत्येक नागरिक की किसी न किसी स्तर पर जल संरक्षण में सहभागिता हो। श्री वत्स ने कहा कि इससे नागरिकों में जल संरक्षण के प्रति अपने दायित्वों का बोध होगा और भविष्य के जल संकट को भलीभांति समझ कर जल संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी निभाएंगे।