
छात्र नेताओं और समाजसेवियों ने प्रदर्शन कर सौंपा मंडलायुक्त को ज्ञापन
बालू खनन में मशीनों पर रोक और अविरल जलधारा बनाए रखने की मांग
भास्कर न्यूज
बांदा। जिले में करीब दो दर्जन बालू खदानों में हो रहे प्रतिबंधित मशीनों के प्रयोग और नदियों की जलधारा को रोक कर बालू की निकासी के खेल के खिलाफ अब छात्र संगठनों, अधिवक्ताओं और समाजसेवियों ने मोर्चा संभाल लिया है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपकर केन नदी की अविरल जलधारा को बनाए रखने के लिए बालू खनन में मशीनों के प्रयोग को रोकने की मांग बुलंद की है। साथ ही शहर के विभिन्न धुलाई सेंटरों, मैरिज हाल और मिनरल वाटर प्लांटों में हो रही पानी की बर्बादी पर रोक लगाने की मांग भी उठाई है।
शनिवार को मंडलायुक्त कार्यालय में पहुंचकर छात्र नेताओं और समाजसेवियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदर्शन किया और केन नदी की अविरल जलधारा को बचाने का संकल्प दोहराया। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी ने कहा कि बालू माफिया निजी स्वार्थ के चलते केन नदी की जलधारा को रोक कर प्रतिबंधित मशीनों के जरिए धड़ल्ले से बालू का खनन कर रहे हैं और जिले की आम जनता को भीषण पेयजल संकट में ढ़केल रहे हैं। बताया है कि केन नदी में गिरवां, मरौली, खप्टिहाकलां, कनवारा, अछरौंड, दुरेड़ी, पैलानी, नरैनी आदि क्षेत्रों में दर्जनों खदानें संचालित हैं और सभी जगह खुलेआम पोकलैंड मशीनों से खनन किया जाता है। मंडलायुक्त को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि जीवनदायिनी केन नदी बालू माफिया का प्रकोप झेल कर गर्मी के मौसम में नाले में तब्दील हो जाती है, ऐसे में जहां जिले के लोगों को पेयजल व सिंचाई के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, वहीं भूजल स्तर लगातार नीचे सरक रहा है। कहा है कि यदि ऐसे ही प्रतिबंधित मशीनों के जरिए नदी की जलधारा को रोककर अवैध खनन का खेल चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब जिले के लाेग बूंद बूंद पानी के तरस जाएंगे। बताया है कि उनके प्रतिनिधिमंडल ने 11 मई को जिलाधिकारी को मांग पत्र देकर केन नदी का अस्तित्व बचाने की गुहार लगाई थी, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और जिले की खदानों में अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी है। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार यदि बालू खनन के काम में मशीनों के स्थान पर मजदूरों का प्रयोग किया जाए तो नदी का अस्तित्व भी बचा रहेगा और मजदूरों के पलायन की समस्या पर भी राेक लगेगी। प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त से केन नदी का अस्तित्व बचाने की गुहार लगाते हुए कहा है कि अवैध तरीके से खनन करने वालों पर कार्रवाई हो और खदानों में मशीनों के प्रयोग पर कड़ाई से रोक लगाई जाए। तभी शहर की लाइफलाइन कही जाने वाली केन नदी जीवनदायिनी बनी रह सकेगी। इस मौके पर अखंड भारत फाउंडेशन के अध्यक्ष अभिषेक बाजपेयी, अभिषेक मिश्रा, अधिवक्ता विक्रांत सिंह, अमरजीत सिंह, देवप्रसाद अवस्थी, आदित्य सिंह, विद्याधर पटेल, धनराज सिंह, राजेश द्विवेदी, अनिल पाठक, रामकरण द्विवेदी, धीरेंद्र दीक्षित, नरेंद्र प्रताप सिंह, अनूप मिश्रा, दिनेश मिश्रा, रामआसरे श्रीवास समेत तमाम छात्रनेता, अधिवक्ता और समाजसेवी शामिल रहे।
पानी की बर्बादी करने वालों पर लगे अंकुश
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुशील त्रिवेदी ने कहा है कि शहर के विभिन्न स्थानों पर मानकों की अनदेखी कर खुले वाहन धुलाई सेंटर, मैरिज हाल और मिनरल वाटर प्लांटों में जमकर पानी की बर्बादी की जाती है। ऐसे स्थानों पर वाटर रिचार्ज की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि भूजल स्तर को गिरने से बचाया जा सके। वहीं मानक के विपरीत चल रहे वाहन धुलाई केंद्रों, मैरिज हाल और वाटर प्लांटों के संचालकों पर सख्त कार्रवाई की जाए। कहा है कि ऐसे स्थानों पर हो रही पानी की बर्बादी के चलते शहर के कई मोहल्लों के लोगाें को पीने के पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है।