आगामी लोक सभा चुनाव का आगाज़ हो चुका है. इस चुनाव में सियासी घमासान के बीच नेताओं की तरफ से आपत्तिजनक बयानबाजी भी तेज हो गई है। सभी पार्टियों ने चुनाव के के मद्देनजर पार्टियों का चुनावी अभियान जारी है. अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दिग्गज उम्मीदवार अपने संसदीय क्षेत्रों का दिन-रात दौरा कर रहे हैं और अच्छा माहौल बनाने की कोशिश में जुटे हैं| इसी सब के बीच बताते चले इस चुनाव में सभी पार्टियों के दिग्गज नेता रैली, रोड शो, और पब्लिक मीटिंग और घर-घर जाकर लोगों से वोट मांग रहे हैं।
इस बीच बबते चले लंबे समय से चल रही हां और ना के बीच आखिरकार आम आदमी पार्टी(AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है। सीटों का बंटवारा भी हो गया है। खबरों की माने तो दोनों पार्टियों में दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय हो गया है| आम आदमी पार्टी दिल्ली के 4 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं कांग्रेस के खाते में 3 सीटें गई हैं|
पार्टी सूत्रों के मुताबिक
अभी तक कांग्रेस की ओर से गठबंधन का मोर्चा वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद ने संभाल रखा था, लेकिन राहुल ने हाल ही में दिल्ली प्रभारी होने के नाते चाको को इस पर अंतिम मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया था। इसी निर्देश के मद्देनजर बुधवार शाम चाको और संजय सिंह के बीच लंबी मुलाकात हुई।
जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली, चांदनी चौक और नॉर्थ वेस्ट की सीट पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारेगी. वहीं आप को ईस्ट दिल्ली, नॉर्थ ईस्ट, वेस्ट दिल्ली और साऊथ दिल्ली की सीट मिलना तय है.
हरियाणा में भी बनी बात
वहीं हरियाणा के 10 लोकसभा सीटों पर भी दोनों दलों में बात बन गई है. यहां आम आदमी पार्टी को 1 सीट मिली सकती है. खबरों के मुताबिक करनाल या गुड़गांव में से एक सीट पर हरियाणा में आम आदमी पार्टी लड़ेंगी. बता दें कि यहां आम आदमी पार्टी 2 सीटों की मांग कर रही थी लेकिन उसे एक ही मिली है.
बता दें कि दोनों राजनीतिक दलों में गठबंधन को लेकर कई दिनों से बात चल रही थी. गठबंधन होने में हो रही देरी की मुख्य वजह कांग्रेस में दो राय का होना है. पीसी चाको गठबंधन के पक्ष में हैं जबकि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित गठबंधन का विरोध कर रही हैं. वहीं आम आदमी पार्टी खुलकर कांग्रेस से गठबंधन की अपील कर चुकी है.
दिल्ली में इस गठबंधन के पीछे का गणित यह है कि दोनों दलों को उम्मीद है कि वह बीजेपी को हरा देगी. ज्यादातर सर्वे में भी यही दावा किया गया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी. हालांकि उसके बाद दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों में से 67 सीटों पर जीत हासिल की थी.