तमिलनाडु में बदलाव: CM स्टालिन दूसरी बार बने DMK चीफ  

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन लगातार दूसरी बार द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के अध्यक्ष चुने गए। चेन्नई में रविवार को आम परिषद की बैठक में पार्टी नेताओं ने निर्विरोध स्टालिन के नाम पर मुहर लगाई। इसके अलावा वरिष्ठ नेता दुरई मुरुगन निर्विरोध महासचिव और और टीआर बालू को कोषाध्यक्ष चुने गए।

इन तीनों ने ही 7 अक्टूबर को अपने-अपने पदों पर नामांकन दाखिल किया था। DMK विभिन्न पदों के लिए पार्टी में चुनाव कराती रही है और इस साल के चुनाव सितंबर के अंत में खत्म हुए थे। एमके स्टालिन, दुरई मुरुगन और टीआर बालू को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुना गया है।

वहीं, के एन नेहरू को पार्टी का प्रमुख सचिव बनाया गया है। कनिमोझी करुणानिधि, जो पहले DMK की महिला शाखा की प्रमुख हैं, को उप महासचिव बनाया गया है। वह अब पेरियासामी, के पोनमुडी, ए राजा और अंतियूर सेल्वराज के अलावा पांच उप महासचिवों में शामिल हैं।

ई पेरियासामी का BJP, AIADMK पर निशाना

पार्टी की आम परिषद की बैठक में DMK के उप महासचिव ई पेरियासामी ने कहा- मैं उन्हें (BJP, AIADMK) चुनौती देता हूं कि भले ही एक बड़ा गठबंधन बन जाए, DMK अकेले चुनाव लड़ सकती है और लोकसभा चुनाव में सभी को हरा सकती है। मैं चाहता हूं कि एम के स्टालिन अगले 20 सालों तक तमिलनाडु के सीएम बने।

स्टालिन DMK के दूसरे अध्यक्ष

स्टालिन के पिता एम करुणानिधि का 2018 में निधन हो गया था। इसके बाद स्टालिन को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। तब से डीएमके ने 2019 के संसदीय चुनावों और 2021 के विधानसभा चुनावों में लगातार जीत हासिल की। इससे पहले वह पार्टी में कोषाध्यक्ष, युवा विंग के सचिव समेत कई पदों पर रह चुके थे।

DMK की स्थापना 1949 में हुई

DMK की स्थापना साल 1949 में हुई थी। करुणानिधि 1969 में पहले अध्यक्ष बने। वहीं, द्रविड़ आंदोलन के प्रतीक और DMK के संस्थापक सी एन अन्नादुरई साल 1969 तक पार्टी महासचिव के शीर्ष पद पर थे।

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