– करवा चौथ के नजदीक आते ही बाजार मैं बढऩे लगी रौनक
भोपाल (ईएमएस)। करवा चौथ का त्यौहार केवल परंपरा भर नहीं है। बल्कि यह नारी की शक्ति का उत्सव है। व्रती स्त्री के तप मैं इतनी शक्ति मानी गई है कि वह अपने पति की आयु की रक्षा कर सकती है। करवा चौथ का त्योहार 13 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखेंगी तथा चंद्रमा को अर्घ देकर अपना व्रत खोलेगी। निर्णय सागर पंचांग के अनुसार इस दिन करवा चौथ का चंद्रोदय रात 8:32 पर होगा।
ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी के अनुसार 13 अक्टूबर दिन गुरुवार को कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ है। करवा चौथ का चंद्रोदय रात में पहाड़ी क्षेत्र में 8:10 पर उदय होगा। वहीं पूर्ण रूप से क्षितिज पर 8:32 पर चंद्रमा दिखाई देगा। कृतिका नक्षत्र रात्रि 7:26 तक रहेगा। उसके बाद रोहिणी नक्षत्र का संचरण और चंद्रमा का उच्च राशि वृषभ में होना वर्ष भर सुहागिन महिलाओं के लिए शुभता प्रदान करेगा। इसके साथ ही सिद्धि योग दोपहर 1:55 तक रहेगा। करवा चौथ का प्रारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। शुक्र और बुध कन्या राशि में होने से लक्ष्मी नारायण योग बनेगा।
इसके अलावा सूर्य और बुध के साथ होने से बुध आदित्य योग भी रहेगा। वही शनि अपनी राशि मकर में होंगे। और गुरु अपनी राशि मीन में होंगे। तथा बुध अपनी राशि कन्या में रहेंगे। तीनों ग्रह अपनी स्वराशि में रहेंगे। चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहेंगे। इस दिन चंद्र दर्शन व अर्घ देने से धन और सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी। सूर्य ग्रह को आत्मा, चंद्रमा को मन और शुक्र प्रेम का प्रतीक होता है। शुक्र की एक राशि में चंद्रमा मौजूद रहता है। तब दांपत्य जीवन सुखी होता है। इस दिन चंद्रमा के साथ शिव पार्वती की भी आराधना की जावेगी। वही कुंवारी कन्या मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए मां गौरी की पूजा आराधना और व्रत करेंगी। सबसे पहले चंद्र भगवान शिव की नगरी वाराणसी में 8:08 पर और भारत के सबसे अंत में मुंबई में रात 8:58 पर उदय होगा।
करवा चौथ की खरीदारी हुई शुरू
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इसलिए महिलाओं ने अभी से चूड़ी, मेहंदी, कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन के साथ ज्वेलरी के साथ, पूजा पाठ के सामान की खरीदारी शुरू कर दी है। वहीं ब्यूटी पार्लरो पर सुहागन महिलाएं द्वारा एडवांस बुकिंग की जा रही है। इसके साथ ही महिलाओं को राजस्थानी और अरेबियन मेहंदी बहुत अधिक पसंद आ रही है।
जमकर होगी करवे की खरीदारी
शहर के बाजारों में मिट्टी के करवे के साथ शक्कर के करवे तथा सीखे बेची जा रही हैं। रंगीन मिट्टी के करवे का मूल्य 20 से लेकर 35 तक का है। वही शक्कर के करवे का मूल्य 60 से 100 तक का है। इसके साथ ही करवा चौथ का कैलेंडर 10 से लेकर 50 तक बिक रहा है।