चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के खिलाफ एक महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में विशेष सुनवाई हुई। जिसमे उन्होंने अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार कर दिया है।सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने कहा कि चीफ जस्टिस के खिलाफ आरोपों पर एक उचित बेंच (अन्य जजों की बेंच) सुनवाई करेगी। कोर्ट ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता ‘बेहद गंभीर खतरे’ में है। बताते चले अगले सप्ताह कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसलिए मुझे जानबूझकर फंसाया जा रहा है।
रअसल, सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी का एक हलफनामा सामने आया है। 22 पन्नों के हलफनामे में पूर्व कर्मचारी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न और घटना के बाद उसके परिवार को परेशान करने का आरोप लगया है। महिला जूनियर कोर्ट असिस्टेंट के तौर पर काम करती थी। महिला ने आरोप लगया है कि चीफ जस्टिस गोगोई ने पिछले वर्ष अक्टूबर को अपने के ऑफिस में जबरदस्ती करने की कोशिश की। जब मैंने मांग को ठुकरा दिया तो, मुझे नौकरी से निकाल दिया।
Chief Justice of India says, "Independence of judiciary is under serious threat, very hurt with the allegations being levelled. 4 media houses have published stories in great detail. I received communication from them."
— ANI (@ANI) April 20, 2019
इस मामले सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की एक स्पेशल बेंच ने की। इस दौरान चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा, ’20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में सिर्फ 6,80,000 रुपए हैं। कोई भी मेरा बैंक अकाउंट चेक कर सकता है। यहां तक मेरे चपरासी के पास मुझसे ज्यादा पैसे हैं।’
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका को बलि का बकरा नहीं बनाया जा सकता। लोग पैसे के मामले में मुझ पर उंगली नहीं उठा सकते, इसलिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। गोगोई ने कहा, ‘मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना हूं कि मैं महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करूंगा। जिन्होंने मेरे ऊपर आरोप लगाए वे पहले जेल में थे। इसके पीछे एक शख्स नहीं, बल्कि कई लोगों का हाथ है।’
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के महासचिव संजीव सुधाकर कलगांवकर ने कहा कि रंजन गोगई पर लगाए गए सभी आरोप गलत है। इसका कोई आधार नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता को लेकर स्पेशल बेंच गठित की। इस बेंच में चीफ जस्टिस रंजन गोगई, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजीव खत्रा शामिल है। सुप्रीम कोर्ट के एडिशनल रजिस्ट्रार की ओर से इस संबंध में जारी किए गए नोटिस के अनुसार स्पेशल बेंच का गठन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के उल्लेख के बाद किया गया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि चीफ जस्टिस के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप हैं।