
भास्कर समाचार सेवा
वृन्दावन। मथुरा प्रशासन की लापरवाही के चलते मथुरा नगर निगम के करीब 50 हजार मतदाता अपने मतदान के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।
चुनाव सम्पन्न कराने के लिये नियुक्त किये गए जिम्मेदार अधिकारियों ने गैर जिम्मेदारी
का परिचय देते हुए आनन फानन में चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए बिना किसी तैयारी के आँख बंद करके 663 बीएलओ तैनात कर दिये। उनकी निगरानी के लिये 67 पर्यवेक्षक व 9 सेक्टर ऑफिसर भी तैनात किये। तैनाती के बाद बीएलओं को गलत सूचियां पकड़ा दी गई। बीएलओ मतदाताओं के घरों को ढ़ूढ़ते ढ़ूढ़ते परेशान है, लेकिन उन्हें सूची में दिये गए मतदाता कहीं नही मिल रहे।
पर्यवेक्षक व सेक्टर ऑफिसर तान दुप्पटा घर सो रहे हैं। उन्हें ऐसा लगता है, कि चुनाव स्वतः ही सम्पन्न हो जाएंगे। इस लिये वे बेफिक्र होकर बैठे हुए हैं।
मथुरा नगर निगम के वार्ड संख्या 69 रतन छतरी में वृन्दावन बांगर के करीब 2 हजार से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से गायब हैं। रतन छतरी वार्ड में बारह घाट से लेकर केशीघाट तक के निवासियों के इतने बड़े क्षेत्र में न तो अभी तक कोई बीएलओ पहुंचा है औऱ न वहां के स्थानीय निवासियों को पता है कि वे मतदाता सूची में अपना नाम कैसे जुड़वा सकते है।
चैतन्य बिहार वार्ड 21 में करीब 10 हजार मतदाता गायब हैं। वहां के स्थानीय निवासियों को जब यह पता चला कि उनके नाम मतदाता सूची में नही है व बीएलओ भी उनसे संपर्क करने नही आये हैं तो चैतन्य बिहार सोसायटी के सचिव सुधीर शुक्ला के साथ आधा दर्जन से अधिक स्थानीय निवासीयो ने अपने आधार कार्ड व वोटर कार्ड लेकर मथुरा नगर निगम कार्यलय में आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे। लेकिन उसके बाद भी निर्वाचन सम्पन्न कराने में जिनकी ड्यूटी लगी है। उनके कान पर जूं तक नही रेंगी। 31 अक्टूबर तक उस क्षेत्र के लिये बीएलओ तैनात नही किये गये।
इस संदर्भ में जब एसडीएम सदर अमित जैन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद दावे व आपत्तियों के निस्तारण के लिये मिले एक सप्ताह में सभी स्थानीय निवासियों को मतदाता सूची में जोड़ लिया जाएगा।
ये एक यक्ष प्रश्न है कि जो विभाग नियुक्त बीएलओ को सही सूची उपलब्ध नही करा पाया क्या वह इतने कम समय मे 50 हजार से अधिक मतदाताओं को सूची बद्ध कर पायेगा।