ट्रेनों में आग की घटनाओं को रोकने की रेलवे ने की पुख्ता तैयारी

-फायर एंड स्मोक डिटेक्शन व संप्रेशन सिस्टम से आग लगने की मिलेगी जानकारी
-दो काेचों में सफल ट्रायल के बाद पूर्वोत्तर रेलवे के 267 कोचों में लगेगा सिस्टम

भास्कर ब्यूरो
गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे यात्रियों को सुगम और सुरक्षित यात्रा कराने के लिए नित नई तकनीकों पर काम कर रहा है। अगर ट्रेन के किसी कोच में आग लगती है तो फायर एंड स्मोक डिटेक्शन व संप्रेशन सिस्टम के जरिए उस पर तुरंत काबू पाया जा सकेगा। इसके लिए ट्रेन के पेंट्रीकार व पावरकार में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन व संप्रेशन सिस्टम को लगाया जा रहा है। यांत्रिक कारखाना गोरखपुर में दो कोच में ट्रायल भी हो चुका है। इस तरह एनईआर के 267 कोचों में यह सिस्टम लगाया जाएगा।
ट्रेनों में आग से जन व धनहानि अब बीते दिनों की बात होगी। फायर एंड स्मोक डिटेक्शन व संप्रेशन सिस्टम के जरिए आग लगते ही सायरन बजने लगेगा जिससे समय रहते आग पर काबू पाया जा सकेगा। यह सिस्टम अभी केवल एलएचबी कोच, पेंट्रीकार व पावरकार में ही लगाए जाएंगे। इस सिस्टम में एस्पीरेशन टाइप फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सेंसर्स, संप्रेशन आउटलेट, पीएलसी पैसेंजर अलार्म बजर लगाए जाते हैं जो धुंआ निकलने व आग लगने से पूर्व यात्रियों को सतर्क कर देता है। इसमें लगा स्विच दबाने पर कोच में लगा अग्निशमन यंत्र आग बुझाना शुरू कर देता है।

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इंसर्ट
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि यह सिस्टम आग की घटनाओं को रोकने में काफी कारगर सिद्ध होगा। इसके लगने से यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा और मजबूत होगी। यांत्रिक कारखाने में दो कोच में यह सिस्टम लगाया जा चुका है। इसे पूर्वोत्तर रेलवे के 267 कोचों तथा 57 पावर व पेंट्री कार में लगाया जाएगा।