
स्वास्थ्य महकमा नहीं करता इन लैबों की जांच
भास्कर समाचार सेवा
नौहझील-मांट तहसील के प्रत्येक कस्बा में पैथोलॉजी संचालकों द्वारा जांच के नाम पर मरीजों से मनमाना पैसा ऐंठा जा रहा है। लैब जिस जांच के लिए अधिकृत नहीं हैं फिर भी पैसों के लालच में उस जांच को कर रहे हैं और मनगढ़ंत रिपोर्ट देकर मरीजों को गुमराह कर रहे हैं।
ताजा मामला महिमा(12)पुत्री देवी सिंह निवासी सिकंदर पुर बुखार पीडित का है। एक ही दिन में कुछ मिनटों की देरी में दो अलग अलग लैबों पर जांच में अलग अलग रिपोर्ट आईं तो मरीज के परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई।महिमा को बुखार आने पर डाक्टर ने जांच लिख दीं।देवी सिंह पुत्री महिमा को लेकर मीरपुर स्थित लैब पर जांच कराने पहुंचे लैब रिपोर्ट में हीमोग्लोबिन(.5),रोग प्रतिरोधक क्षमता TlC (1000)आई। रिपोर्ट देखकर परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई।लोगों के कहने पर वह पानीगांव रोड़ स्थित एक लैब से जांच कराई तो हीमोग्लोबिन(.95)व TLC(4200)आईं।यह सब देखकर परिजन का दिमाग चकरा गया।वह अब लैब संचालकों को कोसने लगे।
कुल मिलाकर विडंवना यह है कि स्वास्थ्य महकमां इन लैबों की जांच नहीं करता, इसलिए ये मनमानी कर रहे हैं।
यही स्थिति प्लेटलेट्स की है। एक ही दिन में प्लेटलेटस की संख्या में अलग-अलग जांच कराने पर पचास हजार तक का अंतर आया। इससे लगता है कि पैथोलॉजी संचालक जांचों के नाम पर मरीजों से मनमाना शुल्क वसूल कर मनमानी जांच रिपोर्ट दे रहे हैं। इसके चलते मरीज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रही है।
सीएचसी प्रभारी नौहझील तुलाराम गंगवार से इस संबंध में बात की तो उन्होंने बताया कि डेंगू की वास्तविक जांच जिला अस्पताल में संभव है। यहां जो लैब वाले कर रहे हैं, वह किट के आधार पर कर रहे हैं, जिससे सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है कनफर्म नहीं। किट से जांच उपरांत आने वाली डेंगू पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट जिला अस्पताल में ज्यादातर निगेटिव आती हैं।यहीं स्थिति प्लेटलेट्स की है। इनकी काउंटिंग माइक्रोस्कोप से की जाती है, उससे अधिक कठिनाई आती है इसलिए लैब संचालक मशीन से काउंट करके प्लेटलेट्स की संख्या की रिपोर्ट मरीज को दे रहे हैं। मशीन में कभी संख्या प्रोपर नहीं आती। अगर प्लेटलेट्स की वास्तविक स्थिति देखनी है तो माइक्रोस्कोप से ही मिल सकती है।टीम बनाकर जांच पड़ताल कराई जाएगी।अनियमितता मिलने पर कार्रवाई की जायेगी।
“डेंगू की जांच के लिए किट एलाऊ ही नहीं है। अगर कोई लैब संचालक किट से डेंगू की जांच कर रहा है तो गलत कर रहा है। टीम बनाकर लैबों की जांच कराई जाएगी। अगर अनियमितता मिली तो संबंधित लैब संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी व लैबें सील की जायेंगी”।
– सोनू चतुर्वेदी ,सीएचसी प्रभारी मांट