एसपी संजीव त्यागी ने किया दीपांशु मर्डर केस का खुलासा, हत्यारे दोस्त गिरफ्तार

शहजाद अंसारी
बिजनौर। पुलिस ने दीपांशु मर्डर केस का खुलासा कर तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू, बाइक भी बरामद कर ली है। हत्याकांड में शामिल एक युवक अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। मारपीट का बदलना लेने के लिए ही उसके दोस्तों ने दीपांशु को घर पर बुलाकर मौत के घाट उतारा था। एसपी ने प्रेसवार्ता कर घटना का खुलासा किया है।
पुलिस लाइन के सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक संजीव त्यागी ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि थाना नजीबाबाद के आदर्शनगर निवासी पत्रकार मनोज कुमार के पुत्र दीपांशु की हत्या उसके दोस्त हर्ष वर्मा उर्फ सूरज पुत्र संजीव कुमार, शुभम पुत्र वेदपाल, मनीष त्यागी उर्फ राजा पुत्र विरेन्द्र त्यागी व रितुल पुत्र समरपाल निवासीगण आदर्शनगर ने घर पर बुलाकर की थी। उन्होंने बताया कि 17 अप्रैल को हर्ष उर्फ सूरज का किसी बात को लेकर दीपांशु से झगड़ा हो गया था जिसमें दीपांशु ने अपने साथियों की मदद से सूरज के साथ मारपीट की थी।
इसके बाद सूरज ने दीपांशु से मारपीट का बदला लेने की ठान ली थी। योजना के मुताबिक 19 अप्रैल को सूरज ने दीपांशु किसी बहाने से अपने घर बुला लिया था जहां पहले से उसके चारों दोस्त मौजूद थे। इसी बीच किसी बात पर विवाद होने से सूरज ने अपने साथियों के साथ मिलकर दीपांशु के ऊपर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिये।
जिसमें दीपांशु की मौत हो गई। सूरज ने दीपांशु के शव को बोरी में लपटकर रसोई में रखा और कमरे को पानी से धो दिया। रात्रि में बाइक से ले जाकर दीपांशु के शव को भरैका स्थित नहर में फेंक दिया गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह कही भागने के प्रयास में बशीरपुर नहर व रोडवेज बस स्टैंड के पास खड़े थे। पुलिस ने सूरज की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त चाकू, बाइक, कपड़े भी बरामद कर लिये है। पुलिस ने हत्याकांड में शामिल चारो आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। उन्होंने बताया कि चौथे आरोपी रितुल पुत्र समरपाल को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अपने प्रयास में लगी हुई है।
सीओ महेश कुमार के निर्देशन में थाना प्रभारी संजय कुमार पांचाल, अपराध निरीक्षक वली मौहम्मद, आदर्शनगर चौकी प्रभारी राजीव तोमर, यशवीर मलिक, एसआई संजय कुमार, रामवीर शर्मा, जयपाल सिंह आदि के अलावा कास्टेबिल कुलदीप, नवीन का घटना के खुलासे में विशेष सहयोग रहा।