बहराइच: ठंड से बचाव के लिए गोआश्रय स्थलों में की जाए फुलप्रूफ व्यवस्था: डीएम

बहराइच । निराश्रित गोवंशों को संरक्षित किए जाने के उद्देश्य से जनपद में स्थापित अस्थाई गोआश्रय स्थलों में चारा, भूसा सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मुसैय्या कराए जाने के उद्देश्य से वृहस्पतिवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने पशुपालन विभाग के पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि खण्ड विकास अधिकारियो, ग्राम प्रधानों व सचिवों से समन्वय करते हुए गोशालाओं के लिए अधिक से अधिक मात्रा में पुआल दान कराएं। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि संरक्षित गोवंशों को हरे चारे के लिए गन्ने की हरी पत्तियों का भी उपयोग किया जाए।

डीएम डॉ. चन्द्र ने निर्देश दिया शरद ऋतु को देखते हुए गोवंशों को ठण्ड से बचाव के लिए फुलप्रूफ व्यवस्था की जाए। डीएम ने सुझाव दिया कि बिछावन के लिए पुआल/लकड़ी बुरादा/गन्ने की खोई आदि का प्रयोग करें, और बिछावन को समय-समय पर बदलते भी रहे। ऐसा प्रबन्ध करें कि देर तक पशुबाड़े को धूप मिलती रहे। शीत ऋतु में पशुओं को ताज़ा पानी ही पिलायें। पशुओं को जूट के बोरे का झूल पहनायें, झूल खिसके नहीं इसके लिए झूल को अच्छी तरह से बांधा भी जाए। गोवंशों के बाड़ों में सीधी हवा न आए इसके लिए भी आवश्यक प्रबन्ध किए जाए।

डीएम ने पशु चिकित्साधिकारियों का आहवान किया कि गोसेवा की भावना और पूरी संवदनशीलता के साथ से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करें। डीएम ने अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि चरागाहों को कराकर उसे गौशालाओं में संरक्षित गोवंशों के हरे चारे के लिए उपयोग में लाया जाए। बैठक के दौरान डीएम ने अन्य विभागीय कार्यों की भी बिन्दुवार समीक्षा करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, अपर जिलाधिकारी मनोज, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एस.के. सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. आर.पी वर्मा, बेसिक शिक्षा अधिकारी अव्यक्त राम तिवारी पशुचिकित्साधिकारी व खण्ड शिक्षाधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।

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