सत्रहवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में शुक्रवार को इस्तीफों की झड़ी लग गयी। पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राज बब्बर, अमेठी जिला अध्यक्ष, कर्नाटक कांग्रेस अभियान समिति के अध्यक्ष और कई अन्य नेताओं ने भी पराजय की जिम्मेदारी लेते हुए त्यागपत्र दे दिये। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुये पार्टी अध्यक्ष राजबब्बर ने परोक्ष रूप से इस्तीफे की पेशकश की है। वही लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गयी हैं। ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति की आज शनिवार सुबह बुलाई गई बैठक में गांधी अपने इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं।
CWC की मीटिंग में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता शामिल होंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ राहुल गांधी इस बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं।
लोकसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त के तुरंत बाद राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की घोषणा कर दी थी कि हार की समीक्षा के लिए बैठक होगी। चुनाव नतीजे राहुल गांधी और कांग्रेस के लिए हैरान करने वाले हैं। मोदी की आंधी ऐसी चली कि समूचे विपक्ष का सुपड़ा साफ हो गया। राहुल की कांग्रेस 17 राज्यों में शून्य पर सिमट गई। सबसे पुरानी पार्टी की झोली में देश भर में महज़ 52 सीटें आईं और कांग्रेस के गढ़ अमेठी को स्मृति ईरानी ने राहुल से छीन लिया। ऐसे में अब राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठना कोई नई बात नहीं है।
बताते चले मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल गांधी ने गुरुवार को हार का पूरा जिम्मा लेते हुए अपने इस्तीफे की भी पेशकश की थी, जबकि सोनिया गांधी ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। हालांकि बाद में कांग्रेस ने इस बात का खंडन करते हुए कहा था कि राहुल ने कभी इस्तीफे की पेशकश नहीं की. वहीं देखा जाए तो अब कांग्रेस इस स्थिति में भी नहीं है कि सदन में विपक्ष के नेता को भी नियुक्त कर सके. ऐसा अब लगातार दो बार हो चुका है।
कांग्रेस में अंदरूनी कलह
वहीं अब कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी बाहर निकलने लगी है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता अब कांग्रेस अध्यक्ष की रणनीति पर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि राहुल की ओर से किए गए निजी हमले जब काम नहीं कर रहे थे तो उन्होंने उन्हें जारी क्यों रखा। ऐसा ही कुछ आडवाणी के साथ भी हुआ था जब 2009 में कमजोर प्रधानमंत्री कहते हुए उन्होंने मनमोहन सिंह पर निजी हमला किया था। लेकिन जितना उन्होंने उन पर हमला किया उतना ही उनका खुद का नुकसान होता गया. बाद में हालात यह रहे कि जनता ने इस बात को नकार दिया और सिंह एक बार फिर किंग बने। निजी हमले न उस समय काम किए थे और न ही आज काम कर सके. जितना विपक्ष ने उन पर हमले किए, यहां तक की चोर शब्द का भी इस्तेमाल किया
राहुल ने वायनाड के लोगों का जताया आभार
उत्तर प्रदेश में अपनी परंपरागत अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव हारे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायनाड सीट पर जीत दिलाने के लिए मतदाताओं का आभार जताया है। गांधी ने शुक्रवार को केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को मलयाली भाषा में धन्यवाद देते हुए ट्वीट किया “वायनाड के लोगों का मुझे अपना प्रतिनिधि निर्वाचित करने पर आभार।” उतना ही लोगों का उन्हें सपोर्ट मिलता रहा।