फर्जी प्लेसमेंट सेंटर चलाकर धोखाधड़ी करने वाले नटवरलाल गिरफ्तार

गिरोह के तीन सदस्यों को एसटीएफ ने मेडिकल क्षेत्र से किया पकड़ा

भास्कर समाचार सेवा
मेरठ। फर्जी प्लेसमेंट सेंटर चलाकर बेरोजगार नव-युवकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी नौकरी दिलाने का लालच देकर मोटी रकम वसूल करने थे। एसटीएफ ने आरोपियों को थाना मेडिकल क्षेत्र से पकड़ा है।

अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह ने बताया, एसटीएफ को कुछ समय से मेरठ में प्लेसमेंट सेंटर चलाकर बेरोजगार नव-युवकों के साथ धोखाधड़ी कर नौकरी दिलाने का लालच देकर मोटी रकम वसूल करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनाए प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ फील्ड इकाई मेरठ को तैयार किया गया। जानकारी मिली कि भूतनाथ चौराहा एल ब्लाक स्थित मरीनर्स आरकेड कॉम्प्लेक्स के प्रथम तल पर एक फर्जी प्लेसमेण्ट सेंटर चल रहा है, जिसमें कुछ लोग बेरोजगार नवयुवकों के साथ धोखाधड़ी कर नौकरी दिलाने का लालच देकर मोटी रकम वूसल करते हैं। सूचना पर एसटीएफ फील्ड इकाई मेरठ के निरीक्षक रविन्द्र कुमार, निरीक्षक सुनील कुमार, उपनिरीक्षक संजय कुमार पुलिस टीम के साथ बताए हुए स्थान पहुंचे। जहां से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपियों ने अपने नाम रंजन कुमार पुत्र हरिनन्दन प्रसाद निवासी शिव शंकर लेन क्लब रोड मिठनपुरा थाना सदर जनपद मुजफ्फरनगर बिहार हॉल निवासी सुपरटेक ग्रीन फ्लैट संख्या-एच 212 थाना ब्रह्मपुरी, नारायण केला पुत्र संजीव केला निवासी शास्त्रीनगर थाना नौचन्दी व मोहित शर्मा पुत्र नरेश शर्मा निवासी भोला झाल थाना जानीखुर्द बताया।

ये हुई बरामदगी
03 लैपटॉप, एक कम्प्यूटर, 12 मोबाइल, 18 सिमकार्ड, 03 डोंगल, एक प्रिंटर, 09 एटीएम कार्ड, 20 रजिस्टर, 05 डायरी, 04 इण्टर व्यू काल लैटर इंडिगो एयर लाईस, एक कन्फर्मेशन लैटर इंडिगो एयर लाईस, एक ट्रैनिंग लैटर इंडिगो एयर लाईंस बरामद किया गया।

2020 से चल रहा था फर्जी सेंटर
पूछताछ करने पर सामने आया, अनुज पुनिया निवासी ग्राम नेक थाना जानी के साथ मिलकर वर्ष-2020 से फर्जी प्लेसमेण्ट सेंटर चला रहे थे। पहले इनका आफिस तेजगढ़ी चौराहा मेरठ के पास किराए पर था तथा यहाँ इन लोगों ने माह नवम्बर-2022 में यह आफिस किराए पर लेकर शुरू किया था। गिरफ्तार रंजन कुमार पहले नोएडा में आरओ कम्पनी में मार्केटिंग आफिसर की हैसियत से काम करता था, जहाँ इसकी मुलाकात अनुज पुनिया से हुई थी।

कमाते थे प्रतिमाह 4 लाख रुपये
यह लोग प्रतिदिन 30-40 बेरोजगार युवक-युवतियों को फर्जी आईडी के सिम से पूरे भारत में कॉल करते थे। इन्होंने 06 बेरोजगार लड़कियों को भी काम पर रखा था। यह लोग करीब 75 युवकों-युवतियों से प्रतिमाह ठगी कर उनसे करीब 4 लाख रुपये कमा लेते थे। इस काम पर इनके लगभग एक लाख रुपये खर्च होते थे। विभिन्न खातों में आए रुपयों को निकालकर यह लोग आपस में बांट लेते थे। 

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